मानसून आने के साथ जहां एक तरफ मूसलाधार बारिश होती है, वहीं बिजली गिरने का खतरा भी बढ़ जाता है. बारिश के दिनों में बिजली गिरने की घटनाएं काफी बढ़ जाती हैं. इतना ही नहीं बिजली गिरने से कई लोगों की मौत भी हो जाती है. क्या आप जानते हैं बारिश के समय बिजली से कैसे बचा जा सकता है. 


बिजली गिरना 


बारिश के दिनों में बिजली गिरना एक आम बात होती है. साल 1872 में वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रेंकलिन ने पहली बार बादलों के बीच बिजली चमकने की सही वजह बताई थी. उन्होंने बताया था कि बादलों में पानी के छोट-छोटे कण होते हैं, जो वायु की रगड़ की वजह से आवेशित हो जाते हैं. कुछ बादलों पर पॉजिटिव चार्ज हो जाता है, तो कुछ पर निगेटिव चार्ज होता है. आसमान में जब दोनों तरह के चार्ज वाले बादल एक दूसरे से टकराते हैं, उस वक्त लाखों वोल्ट की बिजली उत्पन्न होती है. कभी-कभी इस तरह उत्पन्न होने वाली बिजली इतनी अधिक होती है कि धरती तक पहुंच जाती है. इस घटना को ही बिजली गिरना कहा जाता है.


इस जगह गिरती है सबसे ज्यादा बिजली


क्लाइमेट रेजिलिएंट आब्जर्विंग सिस्टम्स प्रमोशन काउंसिल (सीआरओपीसी) ने भारतीय मौसम विभाग के साथ मिलकर एक मानचित्र जारी किया था. जिसमें आकाशीय बिजली से प्रभावित इलाकों की जानकारी दी गई है. इसके मुताबिक मध्य-प्रदेश में बिजली गिरने की सर्वाधिक घटनाएं होती हैं. इसके बाद छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और बंगाल का नंबर आता है. इन राज्यों के अलावा बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में भी आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं होती हैं.


बिजली से कैसे बचे?


बता दें कि खराब मौसम और बिजली गिरने के समय घर के अंदर होने पर बिजली से संचालित उपकरणों से दूर रहना चाहिए. इस दौरान तार वाले टेलीफोन का उपयोग नहीं करना चाहिए. वहीं खिडकियां और दरवाजे बंद करके बरामदे और छत से दूर रहना चाहिए. इसके अलावा जो वस्तुएं बिजली के सुचालक हैं, उनसे भी दूर रहना चाहिए. घर में धातु से बने पाइप, नल, फव्वारा, वाश बेसिन आदि के संपर्क से दूर रहना चाहिए.


वहीं घर के बाहर रहने के दौरान बिजली के खंभों से दूर रहना चाहिए. इसके अलावा पेड़ों को बिजली आकर्षित करते हैं. इसलिए बाहर बिजली गिरने के दौरान पेड़ों के नीचे नहीं खड़ा होना चाहिए. वहीं ऊंची इमारतों वाले क्षेत्र में आश्रय नहीं लेना चाहिए और खुले मैदान में दूर-दूर खड़ा होना चाहिए. वहीं सफर के दौरान अपने वाहन में ही रहना चाहिए. हालांकि इस दौरान मजबूत छत वाले वाहन में बैठना चाहिए, खुली छत वाले वाहन की सवारी नहीं करना चाहिए. इसके अलावा बाइक, बिजली या टेलीफोन का खंभा तार की बाड़ और मशीन आदि से दूर रहना चाहिए. 


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