कैसे मिलता है No Caste और No Religion वाला सर्टिफिकेट, कैसे करते हैं अप्लाई?
क्या आप जानते हैं संविधान में जाति और धर्म से मुक्त होने का भी अधिकार है. जानिए कैसे कोई व्यक्ति नो कास्ट, नो रिलिजन सार्टिफिकेट बनवा सकता है और इसके लिए कहां आवेदन करना होता है.
देश में आप जब किसी स्कूल,कॉलेज या नौकरी में फॉर्म भरते हैं, तो उसमें जाति और धर्म का विवरण देना होता है. हालांकि आप अगर जाति और धर्म का त्याग करना चाहते हैं, तो आप बिना जाति और बिना धर्म वाला सर्टिफिकेट बनवा सकते हैं. लेकिन सवाल ये है कि आप बिना जाति और धर्म वाला सर्टिफिकेट कैसे बनवा सकते हैं. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.
जाति और धर्म का कॉलम
बच्चों का स्कूल में दाखिला लेने से लेकर सरकारी डॉक्यूमेंट्स बनवाने और सरकारी नौकरी का फॉर्म तक आपको अपने जाति और धर्म का विवरण देना होता है. सभी सरकारी और गैर सरकारी फॉर्म में लगभग जाति और धर्म की जानकारी देने का कॉलम होता है. इतना ही नहीं अगर आप देश की आरक्षण व्यवस्था के तहत आरक्षण का लाभ लेते हैं, तो आपको जाति यानी कास्ट सर्टिफिकेट भी देना होता है. हालांकि आज के वक्त बहुत लोग ऐसे भी हैं, जो अपने धर्म और जाति का त्याग करके 'नो कास्ट, नो रिलिजन' सार्टिफिकेट बनवा रहे हैं.
जाति प्रमाण पत्र
स्कूल-कॉलेज में दाखिला लेने से लेकर सरकारी नौकरी समेत कई अन्य जगहों पर अक्सर उम्मीदवारों को जाति प्रमाण पत्र देना होता है. इतना ही नहीं बिना जाति प्रमाण पत्र के उम्मीदवारों को आरक्षण का लाभ भी नहीं मिलता है. हालांकि कोई भी उम्मीदवार अपने जिले की तहसील पर जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकता है. लेकिन सवाल ये है कि अगर आप अपनी जाति और धर्म का त्याग करते हैं, तो इसके लिए सर्टिफिकेट कहां से मिल सकता है.
No Caste और No Religion वाला सर्टिफिकेट
आज के वक्त देश में कई लोग अपने जाति और धर्म का त्याग कर रहे हैं. इतना ही नहीं इसको साबित करने के लिए व्यक्ति को No Caste और No Religion वाला सर्टिफिकेट भी बनवा पर रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर ये सर्टिफिकेट कहां पर बनता है और इसके लिए कैसे आवेदन कर सकते हैं.
जिलाधिकारी के पास कर सकते हैं आवेदन
बता दें कि कोई भी व्यक्ति बिना जाति और धर्म वाले सर्टिफिकेट के लिए जिलाधिकारी कार्यालय पर आवेदन कर सकता है. जिसके बाद उस व्यक्ति को जिलाधिकारी कार्यालय पर इसके लिए फॉर्म भरकर जमा करना होता है. इस प्रकिया के बाद जिलाधिकारी सभी प्रमाण पत्रों का सत्यापन करने के बाद आवेदक को 'नो कास्ट, नो रिलिजन' सार्टिफिकेट देते हैं.
संविधान देता है No Caste और No Religion का अधिकार
बता दें कि भारतीय संविधान किसी भी व्यक्ति को जाति और धर्म से मुक्त रहने का अधिकार देता है. दरअसल संविधान के अनुछेद 25 के मुताबिक लोगों को अपना धर्म बदलने के अलावा जाती से मुक्त होने का पूरा अधिकार है. भारतीय राज्यघटना 19-(1) (A) के मुताबिक किसी को किसी को धर्म से अलग रहना है, तो उसे अलग रहने का प्रवधान है. इसके तहत व्यक्ति प्रशासन से 'नो कास्ट, नो रिलिजन' सार्टिफिकेट की मांग कर सकता है.
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