इंटरनेट के इस युग ने हमारा जीवन बहुत आसान कर दिया है. एक क्लिक पर पैसा ट्रांसफर, शॉपिंग, मेल, एग्जाम फॉर्म भरना सब संभव है. लेकिन इंटरनेट का जितना उपयोग हो रहा है, उतना ही दुरुपयोग भी होता है. जैसे इंटरनेट का गलत इस्तेमाल करके साइबर ठग लोगों के खाते में सेंध भी लगा रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे कि आप कैसे खुद और परिवार को साइबर अटैक से बचा सकते हैं.
साइबर अटैक
साइबर ठग लोगों के खातों में सेंध लगाकर बैंक खाता खाली कर रहे हैं. लेकिन आम नागरिक कुछ सावधानियों के साथ खुद और परिवार को सुरक्षित रख सकता है. दरअसल साइबर ठग हमेशा आपकी गलतियों के कारण आपके खाते में सेंध लगा पाते हैं. साइबर फ्राड से बचने के लिए परिवार और दोस्तों को इसके बारे में बताना जरूरी है.
साइबर फ्राड के तरीके
कार्ड क्लोन
आज के समय अधिकांश लोग डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करते हैं. कई बार ग्राहक विश्वास करके दुकानदार, होटल में स्टॉफ और वेटर को अपना कार्ड दे देता है. जिसके बाद साइबर फ्राड गिरोह से जुड़े लोग वेटर, दुकानदार और स्टॉफ एक छोटे क्लोन मशीन से आपको कार्ड क्लोन कर देते हैं. वहीं पेमेंट करने के दौरान आपका पिन देख लेते हैं. इस दौरान ग्राहक को बिल्कुल भी पता नहीं चलता है कि उनका कार्ड क्लोन हुआ है. आपके कार्ड क्लोन का डाटा साइबर ठगों के पास पहुंच जाता है. जिसके बाद साइबर ठग आपके क्लोन कार्ड से पैसा निकाल लेते हैं.
फेक कॉल और मैसेज
इंटरनेट के इस युग में कई बार साइबर क्राइम अलग-अलग ऑफर के लिए आपको फेक लिंग भेजता है. ग्राहक जैसे ही उस फेक कॉल और मैसेज के झांसे में आते हैं, साइबर ठग किसी बहाने ऑनलाइन यूपीआई डिटेल या ओटीपी मांगकर खाता खाली कर देता है.
ऑनलाइन ऐप
कई बार साइबर ठग अलग-अलग कंपनी के कर्मचारी बनकर कॉल करते हैं. जिसके बाद वो लिंक या क्लोन ऐप डाउनलोड करने के लिए कहते हैं. ग्राहक जैसे ही उनके झांसे में आकर ऐप डाउनलोड करता है, साइबर ठग फोन का एक्सेस अपने पास ले लेते हैं. जिसके बाद वो फोन के ओटीपी समेत सारी जानकारी देख पाते हैं. आप जैसे उनके झांसे में आकर ओटीपी या कोई यूपीआई गतिविधि करते हैं, वो तुरंत आपके खाते से पैसा ट्रांसफर कर लेते हैं.
फेक कॉल
साइबर ठग इधर बीच नया तरीका निकाले हैं. वो फेक व्हाट्सएप पर फेक पुलिस अधिकारी की डीपी लगाकार कॉल करते हैं. जिसके बाद वो सामने बात करने वाले शख्स से कहते हैं कि आपका बेटा या बेटी ड्रग्स के नशे में पकड़ा गया है. उसको छुड़ाने के लिए तुरंत ऑनलाइन पेमेंट कीजिए, वरना जेल भेज देंगे. जिसके बाद कई बार अभिभावक डरकर बिना बच्चे से बात किए पैसा भेज देते हैं.
साइबर ठगों से बचने का तरीका
परिवार को जागरूक करना
आज के वक्त अधिकांश घरों में सभी सदस्यों के पास स्मार्ट फोन मौजूद है. इसलिए अपने परिवार में बच्चों से लेकर बड़ों को साइबर क्राइम के बारे में बताना चाहिए. परिवार को साइबर ठगों से बचाने के लिए उन्हें बताना चाहिए कि अनजान नंबरों से किसी भी तरह के ऑफर में नहीं फंसना है. कोई भी व्यक्ति अगर आपसे ओटीपी या बैंक खाते से जुड़ी जानकारी मांगता है, तो उसे नहीं देना है. इतना ही नहीं किसी अनजान लिंक पर क्लिक भी नहीं करना है.
साइबर क्राइम एक्सपर्ट ने क्या कहा
एबीपी न्यूज से बातचीत में साइबर क्राइम एक्सपर्ट ने बताया कि इस डिजिटल युग में साइबर क्राइम के मामले बढ़े हैं. इससे सुरक्षित रहने का तरीका जागरूक रहना है और किसी भी अनजान के साथ अपनी जानकारी साझा करने के साथ बचना चाहिए. एक्सपर्ट ने कहा अभिभावकों की ये जिम्मेदारी हैं कि अपने बच्चों जागरूक करें. क्योंकि ठग कई बार बच्चों को अलग-अलग तरीके से टारगेट करते हैं और उन्हें ब्लैकमेल करके पैसा ऐंठने की कोशिश करते हैं.
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