एक्सपर्ट्स ने बताए वो तरीके, जिनसे सेकेंडों में पता लगा सकते हैं कोई झूठ बोल रहा है या नहीं
कुछ झूठ जान बूझकर बोले जाते हैं तो कुछ झूठ हालात से मजबूर होकर लेकिन कहीं ना कहीं झूठ हम सभी बोलते हैं. यहां बताया गया है कि झूठ बोलने वालों की पहचान कैसे की जा सकती है?
हम अक्सर अपने से छोटों को सिखाते है कि झूठ बोलना पाप है. वहीं, दूसरी तरफ हम रोजाना ना जाने कितने झूठ बोल जाते हैं. कुछ झूठ जान बूझकर बोले जाते हैं तो कुछ झूठ हालात से मजबूर होकर लेकिन कहीं ना कहीं झूठ हम सभी बोलते हैं. हम अपने बच्चो को तो सिखाते है कि झूठ बोलना गलत बात है लेकिन उन्हीं बच्चों को बहलाने के लिए हम उनसे ना जाने कितने झूठ बोल देते हैं. कोई व्यक्ति कम झूठ बोलता है तो कोई ज्यादा, कोई एक झूठ बोलता है तो कोई हजार झूठ बोलता है. अक्सर हमें किसी ना किसी झूठ का सामना करना पड़ता है और कई बार लोग हमें अपने झूठ के जाल में आसानी से फंसा भी लेते हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि झूठ बोलने वालों की पहचान कैसे की जा सकती है? आइए हम आपको बताते हैं.
झूठ बोलने वालों की कैसे करें पहचान?
हर्टफोर्डशायर यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति से बात करते समय उसकी बॉडी लेंग्वेज पर ध्यान रखे. सामने वाले व्यक्ति के शब्दों के उच्चारण का ठीक से परिक्षण करते रहें. यदि वह व्यक्ति किसी भी बात पर ज्यादा जोर देकर समझाने की कोशिश कर रहा है तो समझ लीजिए कि वह किसी सच को छुपाने की कोशिश कर रहा है. हाव-भाव हर शख्स के मायने रखते हैं क्योंकि झूठ बोलने वाला व्यक्ति किसी भी बात को कहते वक्त बेवजह मुस्कराता है.
झूठ बोलने वाले लोगों के लक्षण
आजकल लोगों मे इतनी चालाकी आ चुकी है कि लोग झूठ को सच की तरह बोलने के लिए ऐक्टिंग भी करने लगते हैं. इसलिए इस मामले में आपकी समझदारी ही सबसे अहम है. अब आप सोच रहे होंगे कि शातिर लोगों के झूठ का किस तरह पता लगाए? कुछ लक्षण हैं, जिन को ध्यान मे रखा जा सकता है. झूठ बोलते समय व्यक्ति की आंखों की पलकें बार-बार झपकती हैं और झूठ बोलते समय उसकी आंखों का रंग बदलता है. झूठ बोलने वाला व्यक्ति या तो बहुत जोर से बात करता है या फिर बहुत धीमे बात करता है. एक बात का खास ख्याल रखें, यदि कोई व्यक्ति बात करते वक्त अपनी नाक खुजाने लग जाए तो समझ लीजिए कि वह झूठ बोलने का प्रयास कर रहा है.
क्या झूठ बोलने से बच सकते है?
झूठ बोलने से बचना बेहद मुश्किल है क्योंकि पूरी दुनिया में शायद ही कोई इंसान ऐसा हो जिसने कोई झूठ ना बोला हो. कुछ लोगों को तो झूठ बोलने की आदत हो जाती है. जहां झूठ बोलने की आवश्यकता भी नहीं होती, वो वहां भी झूठ बोलते हैं. कुछ लोग हालात के हाथो मजबूर होकर झूठ बोलते है. झूठ बोलना एक बहुत बुरी आदत है.