अमेरिका इन दिनों एक कैदी को सजा देने के तरीके को लेकर काफी चर्चाओं में है. दरअसल इस कैदी का नाम केननेथ यूगिन स्मिथ है. स्मिथ 1988 में एक व्यक्ति से पैसे लेकर उसकी पत्नी की हत्या करने के मामले में दोषी ठहराया गया था. वहीं 1996 में उसे मौत की सजा सुनाई गई थी. वहीं 2022 में उसे जहरीला इंजेक्शन देकर मौत के घाट उतारने की कोशिश की गई, उस समय हॉलमैन करेक्शनल फैसिलिटी नाम की जेल में स्मिथ को कथित तौर पर एक डेथ चेंबर में ले जाया गया था.
उसकेे बाद स्मिथ को जहरीलेे रसायन इंजेक्शन देकर मारना था, लेकिन इंजेक्शन देने वालों को स्मिथ के शरीर में नस नहीं मिली और नवंबर 2022 में रात के 12 बजे स्मिथ का डेथ वारंट निरस्त कर दिया गया, लेकिन अब फिर स्मिथ को मौत की सजा दी जा रही है. वो भी नाइट्रोजन गैस के जरिए, जिसका संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त ने भी विरोध जताया है. तो चलिए आखिर कैसे दी जानी है नाइट्रोजन गैस के जरिए सजा.
नाइट्रोजन गैस के जरिए कैसे उतारा जाएगा मौत के घाट?
दरअसल अमेरिकी प्रशासन ने इस बार ये योजना बनाई है कि स्मिथ केे चेहरे पर एक एयरटाइट मास्क बांधकर उन्हें जबरदस्ती नाइट्रोजन गैस को सांस के जरिए अंदर लेने को कहा जाएगा. ऐसे में जब शरीर को निष्क्रिय करने वाली ये गैस जैसे ही अंदर जाएगी वो व्यक्ति के शरीर के अंदर का ऑक्सीजन खत्म कर देती है. इस तरह उसकी मौत हो जाती है. इसी तरह स्मिथ को भी मौत के घाट उतारे जाने की योजना है.
'मानवाधिकारों का उल्लंघन'
किसी आरोपी को इस तरह मौत की सजा दिए जाने पर संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त नेे इसका विरोध जताया है. इसपर टिप्पणी करते हुए उन्होंनेे कहा है कि पहले कभी भी इस्तेमाल नहीं हुआ ये तरीका प्रताड़ना और क्रूरता के श्रेणी में रखा जाएगा. उनका कहना है कि ये तरीका अमानवीय तो ही ही साथ ही मनुष्य की गरीमा के भी खिलाफ है. इसे तुरंत रोका जाना चाहिए.
इसके अलावा मेडिकल विशेषज्ञों ने मौत की सजा दिए जाने के इस तरीके को गलत बताया है. उनका मानना है कि नाइट्रोजन गैस से शरीर में भारी मरोड़ उठ सकते हैं और व्यक्ति निष्क्रिय स्थिति में जा सकता है. इसके अलावा उन्हें इस बात का भी डर हैै कि गैस लीक न हो जाए जिससे कमरे में मौजूद अन्य लोगोेंं की भी मौत हो सकती है.
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