भारत का पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश अपने सबसे कठिन समय से गुजर रहा है. बांग्लादेश में हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही है. राजनीतिक और आर्थिक समेत हर तरह से बांग्लादेश में इस समय काफी उथल-पुथल मची हुई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि तख्तापलट होने के बाद किसी भी देश में नई सरकार कैसे बनती है. आज हम आपको बताएंगे कि देश में तख्तापलट होने के बाद नई सरकार कौन और कैसे बनाता है. 


बांग्लादेश


पूरी दुनिया की नजर अभी बांग्लादेश पर टिकी हुई है. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के अपने पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद सेना ने देश को अपने कमान में ले लिया है. अभी बांग्लादेश में पूरी तरीके से सैन्य शासन है. हालांकि सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने कहा है कि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन किया जा रहा है. 


कौन हैं जनरल वकार?


वकार-उज-जमान बांग्लादेशी सेना के सबसे बड़े अधिकारी हैं. उन्हें हाल ही में प्रमोट करके आर्मी चीफ नियुक्त किया गया था. इससे पहले वह लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर थे. 23 जून 2024 को उन्होंने पदभार ग्रहण किया था और अगले तीन साल तक वही इस पद पर बने रहेंगे. अब सवाल ये उठता है कि तख्तापलट होने के बाद नई सरकार का गठन कैसे होता है. 


नई सरकार का गठन


बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने बीते सोमवार को कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री पद से शेख हसीना का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. इसके साथ ही उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को रिहा करने का भी आदेश दिया था, जो कई मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद से घर में नजरबंद हैं. वहीं राष्ट्रपति ने शहाबुद्दीन ने संसद को भंग करने के बाद एक अंतरिम सरकार का गठन करने का भी ऐलान किया है. अब राष्ट्रपति के आदेश पर इस तरह आवामी लीग के नेतृत्व वाली सरकार के खत्म होने के बाद एक बार फिर से देश में नई सरकार बनेगी. 


क्या होता है तख्तापलट


अब सबसे पहले समझते है कि तख्तापलट क्या होता है. बता दें कि जब भी किसी देश में विपक्षी दल सैन्य और हथियार के दम पर जनता द्वारा चुनी गई सरकार को सत्ता से बेदखल करके खुद सत्ता पर काबिज होती है, इसे तख्तापलट कहते हैं. अब तख्तापलट के बाद विपक्षी पार्टी तानाशाही अंदाज में सत्ता पर काबिज होती है और देश को चलाती है. अफगानिस्तान में तालिबान ने भी कुछ इसी तरीके से सत्ता पर कब्जा जमाया था. सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी  की अध्यक्ष और पूर्व पीएम बेगम खालिदा जिया एक बार फिर से प्रधानमंत्री बन सकती हैं. 


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