भारत के मौजूदा मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ के रिटायर होने के बाद, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को उनके उत्तराधिकारी के रूप में नामांकित किया गया है. बता दें CJI चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर होने वाले हैं. संजीव खन्ना नियुक्ति एक पारंपरिक प्रक्रिया के तहत हुई है, जिसमें वर्तमान मुख्य न्यायाधीश अपने उत्तराधिकारी का सुझाव देते हैं.


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न्यायमूर्ति संजीव खन्ना कौन हैं?


न्यायमूर्ति खन्ना ने अपने करियर की शुरुआत एक वकील के रूप में की थी और बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश रहे. उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों में फैसले सुनाए हैं, जिनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देना और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से डाले गए वोटों की जांच करने की याचिका खारिज करना शामिल है.


नए मुख्य न्यायाधीश का चयन कैसे होता है?


भारत में मुख्य न्यायाधीश का चयन एक स्थापित प्रक्रिया के अनुसार होता है. आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को ही यह पद दिया जाता है. हालांकि, यह आवश्यक नहीं है कि सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को ही यह पद मिले. कभी-कभी सरकार अन्य कारकों को भी ध्यान में रख सकती है, जैसे कि न्यायाधीश की योग्यता और अनुभव.


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नई नियुक्ति का महत्व


न्यायमूर्ति खन्ना की नियुक्ति भारत के न्यायपालिका के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है. वे देश के सबसे उच्च न्यायालय के प्रमुख होंगे और उनके फैसलों का देश के कानून और न्याय व्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ेगा.


आगे क्या होगा?


सरकार जल्द ही न्यायमूर्ति खन्ना की नियुक्ति की अधिसूचना जारी करेगी. इसके बाद वो 10 नवंबर, 2024 से भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे.                                                                                                                                                                    


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