सुनीता विलियम्स को कैसे पता चल रहा होगा दिन और महीनों का पता? ये होता है तरीका
अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अभी भी स्पेस में फंसे हुए हैं और अगले साल इनकी वापसी की संभावना है.क्या आप जानते हैं कि सुनीता को स्पेस में दिन और रात के बारे में कैसे पता चल रहा होगा.
अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अभी भी स्पेस में फंसे हुए हैं. लेकिन जानकारी के मुताबिक अब इनकी वापसी अगले साल तक ही संभव है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने बताया कि अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी इस साल संभव नहीं है. अब सवाल ये है कि कोई अंतरिक्षयात्री जब स्पेस में रहता है, तो उसे दिन और रात का कैसे पता चलता है. आसान भाषा में किसी भी व्यक्ति को ये कैसे पता चलता है कि पृथ्वी पर दिन है या रात है.
स्पेस में फंसी सुनीता
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर जून 2024 में बोइंग विमान में सवार होकर स्पेस स्टेशन पर पहुंचे थे. बोइंग स्टारलाइनर के कैप्सूल में खराबी आने की वजह से इनकी वापसी को टाल दिया गया था. वहीं नासा के प्रमुख बिल नेल्सन का कहना है कि दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को अब स्पेसएक्स के रॉकेट में सवार होकर पृथ्वी पर वापस लौटना होगा. उन्होंने बताया कि स्टारलाइनर के प्रपल्शन सिस्टम खराब हैं, ऐसे में इस यान से अंतरिक्ष यात्रियों का धरती पर लौटना काफी जोखिम भरा है.
कैसे पता चलेगा दिन है या रात
अब सवाल ये है कि इतने लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के बाद सुनीती विलियम्स को ये कैसे पता चलेगा कि दिन है या राता है? क्योंकि पृथ्वी पर हम इंसान आसानी से दिन और रात का पता लगा लेते हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर यह पता लगाना पृथ्वी के हिसाब से काफी कठिन काम है. बता दें कि आईएसएस पर अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी के एक दिन के दौरान 16 सूर्योदय और 16 सूर्यास्त का अनुभव करते हैं. आईएसएस 400 किलोमीटर की औसत ऊंचाई पर एक अण्डाकार प्रक्षेप पथ में 27,600 किलोमीटर/घंटा की गति से पृथ्वी की परिक्रमा करता है और लगभग 90 मिनट में एक चक्कर लगाता है.
आईएसएस अंतरिक्ष में 24 घंटे में पृथ्वी की 16 बार परिक्रमा करता है और इसलिए पृथ्वी वासियों के मुकाबले आईएसएस पर सवार अंतरिक्ष यात्री 16 सूर्योदय और 16 सूर्यास्त देखते हैं. अपनी परिक्रमा के दौरान अंतरिक्ष यान लगभग आधा समय सूर्य की रोशनी में और बाकी समय पृथ्वी की छाया में बिताता है. इस प्रकार आईएसएस प्रत्येक चक्कर में लगभग 45 मिनट दिन के उजाले और 45 मिनट अंधेरे का अनुभव करता है. वहीं समय को दिन और रात में बांटने के लिए आईएसएस को यूनिवर्सल कोऑर्डिनेटेड टाइम पर सेट किया गया है. आईएसएस पर अंतरिक्ष यात्री का एक सामान्य कार्यदिवस सुबह 06:00 बजे यूटीसी से शुरू होता है और रात 09:30 बजे यूटीसी पर समाप्त होता है.
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