Electricity From Air: भविष्य में पैदा होने वाले ऊर्जा संकट से बचने के लिए दुनियाभर के देश ऊर्जा के नए स्त्रोतों और विकल्पों की ओर अपना रुख कर रहे हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध में दुनियाभर के कई देशों ने ऊर्जा संकट का सामना किया. भविष्य में ऐसी किसी परिस्थिति से बचने ने लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक ऊर्जा के नए स्त्रोतों की खोज में लगे हुए हैं. इसी कड़ी में अब वैज्ञानिकों के हाथ बिजली आपूर्ति के लिए जो नया तरीका हाथ लगा है, अगर वह सफल हो जाता है तो दुनिया में कहीं भी बिजली की कमी नहीं रहेगी. ये तरीका है हवा से बिजली बनाने का. जी हां, भले ही सुनने में ये अजीब लगता हो, लेकिन वैज्ञानिकों ने एक ऐसा एंजाइम खोज निकाला है, जो हवा में मौजूद हाइड्रोजन से बिजली बना सकता है. 


बिल्कुल स्वच्छ होगी इससे बनने वाली बिजली


इस एंजाइम में बिजली बनाने की भरपूर क्षमता है. वैज्ञानिकों को इस पर भरोसा है और उन्होंने दावा किया है कि हवा से बनने वाली ऊर्जा एकदम स्वच्छ होगी और इसके कोई अन्य दुष्प्रभाव भी नहीं होंगे. शोधकर्ताओं ने इस एंजाइम को Huc नाम दिया है. वैज्ञानिकों के अनुसार, Huc धरती के भीतर पड़ी ऊर्जा का इस्तेमाल करने में मददगार है. इसकी मदद से वायु की शक्ति को बिजली में भी बदला जा सकता है. वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि इसकी मदद से ‘हवा से चलने वाले’ उपकरण बनाए जा सकते हैं. 


कहां हुई ये खोज?


ऑस्ट्रेलिया (Australia) की मोनाश यूनिवर्सिटी (Monash University) के वैज्ञानिकों ने यह खोज की है. शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर पर्याप्त मात्रा में यह एंजाइम बनाया गया तो यह हमें सौर-संचालित उपकरणों को वायु-संचालित संस्करण से बदलने की राह को आसान कर देगा. असल में एंजाइम जीवित जीवों से उत्पन्न होने वाले पदार्थ होते हैं जो कुछ रासायनिक प्रतिक्रियाओं को गति देने का काम करते हैं.


क्रायोजेनिक इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी 


नेचर जर्नल में प्रकाशित एक लेख में मेलबोर्न के एक शोधकर्ता ने भी एंजाइम के उपयोग के बारे में बताया है. वो इसके लिए क्रायोजेनिक इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी नामक तकनीक का प्रयोग कर चुके हैं. उन्होंने भी माना था कि Huc हाइड्रोजन को विद्युत ऊर्जा में बदलता है. क्रायोजेनिक इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी से भी वैज्ञानिकों को इस प्रक्रिया को समझने में मदद मिली.


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