Human Body Organs: इंसान का शरीर एक जटिल संरचना है. शरीर का सबसे छोटा भाग होती है 'कोशिका'. लाखों कोशिकाओं से मिलकर उत्तक बनते हैं और उत्तक मिलकर एक अंग का निर्माण करते हैं. अंगों से मिलकर एक शरीर का निर्माण होता है. हमारे शरीर में दो तरह के अंग होते हैं. पहले होते हैं बाहरी अंग, जैसे- हाथ, पैर, उंगली, नाक, जान आदि. दूसरे होते हैं आंतरिक अंग, इनमें वो सभी अंग आते हैं जो शरीर के अंदर होते हैं, जैसे दिल, फेफड़े आदि. एक अध्ययन के अनुसार हमारे शरीर में कुल 206 हड्डियां और लगभग 78 अंग होते हैं.
आपको जानकर शायद हैरानी हो, लेकिन इनमें से बहुत से अंग ऐसे हैं, जिन्हे अगर शरीर से अलग भी कर दिया जाए तब भी इंसान जीवित रह सकता है. जी हां, सही पढ़ा आपने. आइए जानते हैं वो कौन-से अंग हैं जिनके बिना भी इंसान जीवित रह सकता है...
मिनेसोटा विश्वविद्यालय के मानव शरीर रचना विज्ञान के निदेशक एंथोनी वेनहॉस कहते हैं कि शरीर के वे अंग जो अब किसी काम के नहीं हैं, किसी समय में हमारे पूर्वजों के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहे होंगे. इनमें से बहुत से अंग अभी भी अपने काम को करते हैं, लेकिन ये जरूरी नहीं कि वो हमारे काम के ही हों. आइए जानते हैं ये कौन-से अंग हैं.
पित्ताशय (Gallbladder)
शरीर से निकलने वाले पित्त को ये धारण करता है. पित्त हमारे शरीर में पाचन तंत्र को नियंत्रित रखता है. कई बार इसमें पथरी बन जाती है और डॉक्टर सर्जरी कर इसे निकलवाने की सलाह देते हैं.
टेल बोन (Tailbone)
रीढ़ की हड्डी के निचले छोर को टेल बोन कहते हैं. माना जाता है कि यह पूंछ का अवशेष है. जीव विज्ञानियों के अनुसार, पुराने समय में पेड़ पर चढ़ने समय यह संतुलन बनाने के काम आती थी. समय के साथ इंसान का जैविक विकास हुआ जिसके बाद अब इसका कोई काम नहीं रह गया है.
अपेंडिक्स (Appendix)
शरीर में यह अंग छोटी और बड़ी आंत के बीच में स्थित होता है. इसे अवशेषी अंग का नाम दिया गया है. कई बार पेट में संक्रमण या सूजन की समस्या आने पर पर डॉक्टर सर्जरी कर इसे निकालने की सलाह देते हैं. जीव विज्ञानी कहते हैं कि अपेंडिक्स में गुड बैक्टीरिया पाए जाते हैं. आदिकाल में इंसान जब बिना पका भोजन, घास या निम्न गुणवत्ता वाले पदार्थ खाता था तो अपेंडिक्स उन्हें पचाने में मदद करता था.
अकल दाढ़ (Wisdom Teeth)
ऐसा माना जाता है कि पुराने समय में कच्चा गोश्त या बिना पका भोजन चबाने के लिए इसकी जरूरत पड़ती होगी, लेकिन वर्तमान में नरम और पका हुआ भोजन होता है और इसे चबाने में किसी प्रकार की मेहनत नहीं करनी होती. इसलिए अकल दाढ़ शरीर का एक अतिरिक्त अंग है
पामर ग्रास्प रिफ्लेक्स (Palmar Grasp Reflex)
यह रिफ्लेक्स सिर्फ छह महीने तक के बच्चों में ही होता है, लेकिन अब इसका कोई उपयोग नहीं है. जीव विज्ञानी बताते हैं कि पुराने समय में ये तब काम आता होगा जब माता अपने बच्चे को बदन से चिपका कर चलती होगी. आपने देखा होगा कि नवजात शिशु आपकी अंगुली इतनी मजबूती से पकड़ता है कि उसे उसी अंगुली के सहारे से उठाया भी जा सकता है. यह पामर ग्रास्प रिफ्लेक्स के कारण ही होता है.
टॉन्सिल (Tonsils)
टॉन्सिल अकल दाढ़ के पास होते हैं. जीव विज्ञानियों का मानना है कि ये गले की एक प्रतिरक्षा कोशिका है और श्वसन संक्रमण से लड़ने में मददगार है, लेकिन कई बार संक्रमण होने पर इनमें सूजन आ जाती हैं और तेज दर्द होता है. ऐसे में डॉक्टर भी इन्हें हटवाने की सलाह देते हैं.
कान की मांसपेशियां (Auricular Muscles)
ऑरिक्यूलर मांसपेशियां बिल्ली और घोड़े जैसे जीवों में कान हिलाने के काम आती हैं, लेकिन हमारे शरीर में अब इनका कोई काम नहीं रह गया है.
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