Hair Colour: कुछ देशों में बालो का रंग भूरा होता है. वहीं अगर देखा जाए तो दुनिया के अधिकतर देशों में बालो का रंग काला होता है. आयु बढ़ने के साथ-साथ बालो का रंग सफेद होने लगता है. इसके अलावा, आज के समय में बढ़ते प्रदूषण और सही खान-पान ठीक न होने की वजह से कम उम्र में ही लोगो के बाल सफेद होने लगते हैं. रिपोर्ट्स बताती हैं कि बालों का कुदरती रंग काला होता है, लेकिन अगर कुछ लोगो और बाहरी देशों के लोगों के बाल सुनहरे या ब्राउन कलर के हैं तो इसके पीछे एक ही वजह है. इसके साथ ही, बालों का काला, सुनहरा या भूरा होना और बढ़ती उम्र में बाल का सफेद हो जाना, इन सबके ही पीछे एक ही कारण बताया जाता है. आज की इस खबर में हम उसी वजह के बारे में डिटेल में बता रहे हैं.


बालो का रंग अलग-अलग होने की वजह


मानव के शरीर में मेलानिन नाम का तत्व पाया जाता है, जो हमारे बालों को काला रखने का काम करता है. मेलानिन आंखों से लेकर शरीर तक के बालों का रंग काला करने में सहायक होता है. ऐसे में, हमारे बालो का काला या सफेद होना शरीर में मेलानिन की मात्रा पर ही डिपेंड करता है.


कम उम्र में बाल सफेद होने की वजह


धूप की किरणों में यूवी किरणें पाई जाती हैं. इन यूवी किरणों और ठीक खान-पान न होने के कारण शरीर में मेलानिन की मात्रा कम होने लगती है, जिसकी वजह से कम उम्र में कुछ लोगों के बाल सफेद होने लगते हैं.


बढ़ती उम्र में बाल सफेद होने की वजह


अगर मेलानिन की मात्रा ज्यादा हो जाती है तो बालों का रंग काला होता है. इसके साथ ही, अगर मेलानिन की मात्रा कम हो जाती है तो बालों का रंग सफेद हो होता है. जैसे जैसे इंसान की उम्र बढ़ने लगती है तो उसके शरीर में मेलानिन की मात्रा कम होने लगती है, जिसकी वजह से बाल सफेद होने लगते हैं.


विदेशी लोगों के सुनहरे बाल होने की वजह


जो लोग ठंडी जगहों पर रहते हैं, उन्हे ठीक तरह से धूप की किरणें और पर्याप्त विटामिन डी नहीं मिल पाता है. इस वजह से यहां रहने वाले लोगों के शरीर में मेलानिन की मात्रा कम हो जाती है, और उनके बाल सुनहरे या ब्राउन कलर के दिखने लगते हैं.


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