(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
अब प्रिंटर से निकलेगा इंसानी चमड़ा... जानिए कैसे करेगा काम और ऐसे होगा इस्तेमाल
इस प्रिटिंग मशीन को बायोप्रिंटिंग मशीन कहा जाता है. ये एक 3डी बायोप्रिंटिंग मशीन है. इसमें बायो इंक लोड होता है. इसमें एक एक लिविंग सेल के काट्रिज डाली जाती है.
अब तक आपने प्रिंटर से पेपर प्रिंट होते हुए देखा होगा...लेकिन अब इंसान की स्किन भी प्रिंटर से प्रिंट होगी. 3डी प्रिंटर आने के बाद कई ऐसी चीजें प्रिंट होने लगीं हैं, जिनको लेकर अभी तक सिर्फ कल्पना ही किया जा सकता था. हालांकि, जिस मशीन से ह्यूमन टिश्यू प्रिंट होती है, वो मशीन 3डी प्रिंटर से अलग है. अगर लार्ज स्केल पर यह मशीन स्थापित हो गई तो फिर ऑर्गन डोनेशन और सर्जिकल प्रोसीजर में काफी आसानी होगी.
कैसी है ये प्रिंटिंग मशीन
इस प्रिटिंग मशीन को बायोप्रिंटिंग मशीन कहा जाता है. ये एक 3डी बायोप्रिंटिंग मशीन है. इसमें बायो इंक लोड होता है. इसमें एक एक लिविंग सेल के काट्रिज डाली जाती है. इसका प्रोसेस एक दम नार्मल प्रिंटर जैसा होता है. इसके बाद इसे बायो प्रिंटर में लोड किया जाता है. जब एक बार इसका प्रोग्राम किया जाता है तो इसे बायोप्रिंटर 3डी स्ट्रक्चर बनाने के लिए सेल-लादेन बायो इंक को प्रिंट किया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य कॉम्प्लेक्स बायोलॉजिकल टिश्यू बनाना होता है. एक नॉर्मल प्रिंटर के बजाय बायो प्रिंटर तीन डायमेंशनल वाली सेल बनाती है.
ये प्रिंटर कैसे काम करता है
ये प्रिंटर बेहद सस्ता है. विश्व स्तर पर सुलभ भी है. अगर आप चाहें तो ये आपको आसानी से मिल सकता है. इसके प्रोसीजर की बात करें तो यह एक नोडल डिश पर एक जेल जैसा पदार्थ निकलता है जो सेल में भरा जाता है. इस डिवाइस के सेंटर में एक तरह का मिवी लोगो माइंडस्टॉर्म क्ंप्यूटर होता है. इसी उपकरण की वजह से डिश आगे-पीछे और साइड में जाती है. इसके साथ ही ये नोजल को ऊपर और नीचे घुमाता है. इस बायो स्किन से स्किन से जुड़ी बिमारियों का इलाज किया जा सकता है. अगर यह पूरी दुनिया में सक्सेसफुल हो गया तो कई स्किन संबंधी गंभीर बीमारियों का इलाज बेहद आसानी सो हो सकेगा. इसके साथ ही कई लाईलाज बीमारियों का भी इलाज करने में डॉक्टरों को बेहद आसानी होगी.
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