पृथ्वी पर जीवन होने में सबसे बड़ा योगदान पानी का है. पानी की वजह से ही ये प्लैनेट जिंदा है. लेकिन अभी इसी पानी को पृथ्वी से निकाल निकाल कर इंसानों ने इसे पूर्व की ओर झुका दिया है. सोचिए जिस पृथ्वी का एक तिहाई भाग पानी से ढका है, उसी पृथ्वी को इंसानों की एक हरकत ने आज एक तरफ ज्यादा झुका दिया है. आज इस आर्टिकल में हम आपको इसी से जुड़ी जानकारी देंगे.


क्या कहती है नई रिसर्च?


साइटेक डेली पर छपी एक खबर के मुताबिक, जियोफ‍िजिकल रिसर्च लेटर्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इंसानों ने पृथ्वी से इतना ज्यादा पंपिंग जरिए ग्राउंडवॉटर निकाला कि 20 सालों से भी कम समय में पृथ्वी 4.36 सेंटीमीटर/प्रतिवर्ष की स्‍पीड से लगभग 80 सेंटीमीटर पूर्व की ओर झुक गई है. दरअसल, जियोफ‍िजिकल रिसर्च लेटर्स AGU की पत्रिका है जो पृथ्वी और अंतरिक्ष विज्ञान में फैले प्रभावों के साथ लघु-प्रारूप और उच्च-प्रभाव अनुसंधान पर रिपोर्ट प्रकाशित करती है.


इंसानों ने अब तक कितना पानी बाहर निकाला?


इस रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, जलवायु मॉडल के बेस पर वैज्ञानिकों का पहले अनुमान था कि इंसानों ने 1993 से 2010 तक 2,150 गीगाटन ग्राउंडवॉटर पंप किया, जो समुद्र स्तर से 6 मिलीमीटर अधिक है. हालांकि, ये सही अनुमान नहीं है, क्योंकि इसे लेकर सही अनुमान लगा पाना लगभग नामुमकिन है.


सबसे ज्यादा भूजल कहां निकाला गया?


इस रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा भूजल दुनिया में दो क्षेत्रों से निकाला गया है. पहला क्षेत्र है अमेरिका का पश्चिमी इलाका और दूसरा क्षेत्र है भारत का उत्तर-पश्चिम इलाका. भारत में पंजाब और हरियाणा में सिंचाई के लिए भारी मात्रा में भूजल का प्रयोग हो रहा है. सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी शोधकर्ताओं का कहना है कि भूजल के रिडिस्ट्रिब्‍यूशन से रोटेशनल पोल के बहाव पर बहुत ज्‍यादा असर पड़ता है और बाद में यह पृथ्वी के घूर्णी ध्रुव के बहाव पर बड़ा प्रभाव डालता है.


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