Who Comes First Mosquitos Or Humans: अक्सर इस बात को लेकर चर्चा होती रहती है कि पृथ्वी पर सबसे पहले कौन सा जीव आया था. भले ही इस बात को लेकर कितने ही जवाब लोगों के सामने आ चुके हों. लेकिन अभी भी यह चर्चा ज्यों की त्यों बनी हुई है. इस नई चर्चा में एंट्री हुई है मच्छरों की. कई लोगों के मन में सवाल आ रहा है कि पृथ्वी पर पहले इंसान आए या फिर मच्छर. इस बात को लेकर वेदों और पुराणों का भी हवाला दिया जा रहा है. और इस बारे में क्या है जानकारों का मानना चलिए जानते हैं. 


कब हुई थी मच्छरों की उत्पत्ति? 


दुनिया में अगर फिलहाल बात की जाए तो मच्छरों की 3500 से ज्यादा प्रजातियां मौजूद है. लेकिन उनमें से कुछ ही है जिनसे गंभीर बीमारियों या किसी तरह का खतरा रहता है. पृथ्वी पर मच्छरों की उत्पत्ति की बात की जाए तो. वैज्ञानिकों को मच्छर के जो पहले जीवाश्म मिले वह लगभग 79 मिलियन वर्षों पूर्व के है. तो वैज्ञानिकों के अनुसार मच्छरों की उत्पत्ति लगभग 226 मिलियन वर्ष पूर्व की है. यानी जुरासिक काल के दौरान भी इनका अस्तित्व मौजूद था. 


पुराणों के अनुसार मनु सबसे पहले पृथ्वी पर आए


हिंदू धर्म के पुराणोों के अनुसार मनु को पृथ्वी पर आने वाला पहला पुरुष कहा जाता है. तो वहीं सतरूपा को पहली स्त्री कहा जाता है. इसके बाद ही पृथ्वी पर मानवों की दुनिया का विकास हुआ था. मनु और सतरूपा को लेकर अलग-अलग  पुराणों में अलग-अलग कहानियां दर्ज हैं. सुखसागर पुराण के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने अपने शरीर के दो टुकड़े किए जिनमें से एक से मनु तो वहीं दूसरे से शतरूपा बने. मनु की संतान होने के कारण ही मानव जाति को मानव कहा जाने लगा. मनु पृथ्वी पर कितने साल पहले आए थे इस बात को लेकर कोई भी प्रमाण नहीं है. 


रामायण में है मच्छरों का जिक्र


रामायण काल में भी मच्छरों का जिक्र किया गया है. महर्षि वाल्मीकि जी द्वारा लिखी गई रामायण को बाद में गोस्वामी तुलसीदास जी ने अवधी भाषा में लिखा हैै. रामचरितमानस के सुंदरकांड के पहले भाग में गोस्वामी तुलसीदास जी ने एक चौपाई में लिखा है 'मसक समान रूप कपि धरी, लंकहि चलेउ सुमिरि नरहरी.'  तुलसीदास जी की चौपाई का मतलब है कि हनुमान जी मच्छर की तरह छोटा रूप धारण कर के इसांन रूप से धरती पर लीला करने वाले भगवान्‌ श्री रामचंद्रजी का याद करके लंका को ओर चले. यानी कि अगर वाल्मीकी जी ने मच्छरों का जिक्र किया है. तो उस काल में भी मच्छर रहे होंगे. 


विज्ञान - पुराणों के अलग मत


पृथ्वी पर इंसानी वजूद की बात की जाए तो वह बन कर मिटा है. वैज्ञानिकों के मुताबिक 3.50 लाख साल पहले इंसानी वजूद पृथ्वी पर आया. करीब 30000 साल पहले होमो सेपियंस जो आज की मानव प्रजाति है. वह पृथ्वी पर अस्तित्व में आई. लेकिन पुराणों में देखें तो इससे भी पहले का जिक्र मिलता है. इसलिए वेद पुराणों की मानें तो कह सकते हैं कि पृथ्वी पर इंसानी वजूद पहले था. इसके बाद में अन्य जीवों का वजूद हुआ. लेकिन वहीं विज्ञान के जानकारों की मानें तो पहले जीवाणु पृथ्वी पर आए और बाद में इंसान.


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