आपने देखा होगा कि जब भीषड़ गर्मी के बाद बारिश होती है तो उमस बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. उमस का मतलब की एक ऐसी गर्मी जिसमें आपको गर्मी के साथ साथ खूब ढेर सारा पसीना भी होता है. इसे उत्तर भारत में लोग चिपचिपी गर्मी कहते हैं, इस मौसम में ना तो कूलर काम करता है और ना ही पंखा. क्योंकि इस मौसम के दौरान वायुमंडल में गर्मी के साथ साथ ढेर सारा वाष्प भी मौजूद रहता है. अब सवाल उठता है कि ऐसा होता क्यों है. आज इस आर्टिकल में हम आपको इन्हीं सवालों का जवाब देंगे.


पहली बारिश के बाद उमस क्यों होती है?


इसके पीछे पूरी तरह से विज्ञान काम करता है. दरअसल, जब भीषड़ गर्मी की वजह से धरती पूरी तरह से गर्म रहती है और उस पर बारिश की कुछ बूंदें पड़ती हैं तो धरती से भाप उठती है और इसी वाष्प की वजह से उमस होती है. इसे आप एक छोटे से एक्सपेरिमेंट्स से समझ सकते हैं. आप अपने घर में तवा लीजिए जिसपे रोटी बनती है, जब रोटी बन जाए और वो गर्म रहे तो उस पर पानी की कुछ बूंदे छिड़किए. ऐसा करने पर आप देखेंगे कि कैसे उस पर से भाप उठता है.


उमस वाले मौसम में इतना पसीना क्यों होता है?


पसीना होना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है. दरअसल, हमारे शरीर का सामान्य तौर पर तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है. लेकिन जब बाहर का तापमान ज्यादा होने लगता है तो शरीर को ठंडा करने के लिए बॉडी से पसीना बहने लगता है. उमस में ये प्रक्रिया तेज हो जाती है. यही वजह है कि उमस वाले मौसम में शरीर से पसीना तेजी से निकलता है. लेकिन कई लोग आपको ऐसे मिल जाएंगे जिनको जल्दी पसीना नहीं होता. ऐसे लोगों में कई तरह की समस्या होती है. इसलिए अगर आपको भीषड़ गर्मी में भी पसीना नहीं हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. क्योंकि अगर ये समस्या आपको लंबे समय तक रही तो आप किसी गंभीर बीमारी का शिकार बन जाएंगे.


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