क्या जापान में अलग-अलग सोते हैं पति-पत्नी? इसकी वजह वाकई हैरान कर देने वाली है...
सभी देशों में सामाजिक संस्कृति अलग-अलग होती है और व्यक्ति की व्यक्तिगत विचारधारा भी इस पर प्रभाव डाल सकती है. जापानी संस्कृति में शरीर के साथ जुड़े बाह्य संपर्क को कम करने की प्रथा आम है.
Sleeping Fact: वैसे तो शादी के बाद दो लोगों को जिंदगी साथ बितानी होती है. शादी के बाद उन्हें एक साथ एक ही छत के नीचे रहना होता है. शादी के पहले उनकी लाइफस्टाइल भले ही अलग थी, लेकिन अब उन्हें एक ही कमरे में साथ रहना पड़ता है. सामान्य तौर पर भारत में शादी के यही मायने हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जापान में पति और पत्नी अलग-अलग कमरों में ही सोते हैं? आइए जानते हैं वहां ऐसा क्यों करते हैं.
जापान में साथ नहीं सोते पति-पत्नी
साथ न सोने वाली बात जानकर अगर आपको ऐसा लग रहा है कि जापान में कपल एक-दूसरे से प्यार नहीं करते है, तो आप गलत सोच रहे हैं. आपस में प्यार होने के बाद भी जापान में कपल रात को साथ नहीं सोते हैं. दरअसल, वहां ऐसा रिश्ते को और मजबूत करने के लिए किया जाता है.
करीब 29% कपल्स ही साथ सोते हैं
टोक्यो फैमिलीज की रिपोर्ट के मुताबिक जापानी गोरमेट वेबसाइट गाइड, गुरुनवी ने इसको लेकर साल 2017 में एक सर्वेक्षण भी किया था. जिसमे 20 से 69 आयु वर्ग के करीब 1,662 जोड़े शामिल थे. जिसमें से केवल 29.2% कपल्स एक ही बेड पर सोते थे. कई अन्य रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोने का ये तरीका अपनाने के पीछे तीन मुख्य कारण हैं, आइए जानते हैं.
सोने और उठने का अलग समय
जापान में लोग एक-दूसरे की अच्छी नींद को खराब नहीं करना चाहते. साथ सोने पर अगर किसी को पहले जागना होगा, तो वो दूसरे की नींद खराब करेगा. ऐसे में दोनों अलग सोकर पर्याप्त नींद लेने का पूरा समय देते हैं. उनका मानना है कि एक अच्छी नींद फिजिकल और मेन्टल हेल्थ के लिए कितनी जरुरी है.
बच्चे सोते हैं मां के साथ
जापान में बच्चे ज्यादातर अपनी मां के साथ सोते हैं. साथ ही इससे बच्चों के दिल की धड़कन भी अच्छे से रेगुलेट होती है. ऐसे में यह फैसला पिता का होता है कि वो मां और बच्चे के साथ सोएगा या फिर अलग.
देखा जाता है क्वालिटी स्लीप के नजरिए से
भले ही आपको ऐसा लगे कि अलग सोने वाले कपल के बीच प्यार नहीं होता, लेकिन जापान में इसे क्वालिटी स्लीप के नजरिए से देखा जाता है. जापान में कपल नहीं चाहते कि उनके कमरे में होने से उनके पार्टनर की नींद में बाधा पड़े. इस कारण वो शुरू में ही अलग सोने लगते हैं.
व्यक्तिगत राय भी होती है शामिल
हालांकि, सामाजिक संस्कृति विभिन्न देशों में अलग-अलग होती है और व्यक्ति की व्यक्तिगत विचारधारा भी इस पर प्रभाव डाल सकती है. जापानी संस्कृति में, लोगों के बीच अपने शरीर के साथ जुड़े बाह्य संपर्क को कम करने की प्रथा आम है. इसलिए, जापान के बहुत से घरों में पति-पत्नी एक ही कमरे में नहीं सोते हैं. आसान भाषा में कहा जाए, तो जापान में पति-पत्नी का रात में साथ सोना भी आम है, लेकिन इसमें कुछ व्यक्तिगत राय भी शामिल है. अगर कोई अलग सोना चाहे तो सो सकता है.
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