Husbands Legal Rights: आमतौर पर देखा गया है कि पत्नियां अपने पतियों के सताए जाने के बाद कानून का सहारा लेती हैं, जिसके बाद कोर्ट की तरफ से उन्हें न्याय भी मिलता है. महिलाओं को ऐसे ही कई कानूनी अधिकार दिए गए हैं, जिनका वो इस्तेमाल कर सकती हैं. इसी तरह पुरुषों के मन में भी सवाल उठता है कि क्या ऐसी स्थिति में उनके लिए भी कानूनी अधिकार हैं? आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि शादीशुदा पुरुषों के क्या कानूनी अधिकार हैं, जिनका वो इस्तेमाल कर सकते हैं. 


पति भी कर सकता है शिकायत
शादीशुदा पुरुषों के भी शादीशुदा महिलाओं की ही तरह कई अधिकार होते हैं. यानी जैसे पत्नी अपने पति के खिलाफ शिकायत कर सकती है, ठीक उसी तरह पति भी अपनी पत्नी के सताए जाने की शिकायत कर सकता है. जिसके बाद अगर इस तरह के सभी दावे सही निकले तो उसे कोर्ट से न्याय भी दिया जा सकता है. 


क्या हैं पति के अधिकार?
किसी भी पति को अपनी पत्नी की तरफ से की गई हिंसा और उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत करने का अधिकार है. इसके अलावा पति मेंटल हैरेसमेंट की शिकायत भी पुलिस या फिर कोर्ट में कर सकता है. हिंदू मैरिज एक्ट के तहत पति अपनी पत्नी से मेंटिनेंस भी मांग सकता है. पति और पत्नी दोनों को इसका अधिकार है. हालांकि अगर पत्नी नौकरी करती है, तभी पति मेंटिनेंस का दावा कर सकता है. इसके अलावा खुद से बनाई गई प्रॉपर्टी पर भी पति का ही अधिकार होता है. पत्नी की ही तरह पति भी कोर्ट में तलाक को लेकर याचिका दायर कर सकता है. 


इसी तरह बाकी मामलों में भी पति को कानूनी सहारा लेने के पूरे अधिकार हैं. इनमें दहेज का झूठा केस, गाली और धमकी देना, मायके में रहना, पिटाई करना, किसी और के साथ अफेयर आदि शामिल है. 



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