Hypnic Jerk Causes: सोते समय कई बार हमारे साथ ऐसा होता है कि हमें अचानक किसी ऊंचाई से गिरने का एहसास होता है और झटके से हमारी नींद खुल जाती है. लेकिन, नींद से जागने पर आप खुद को बिस्तर पर ही पाते हैं. ऐसे में कभी न कभी आपके मन में यह सवाल आया होगा कि आखिर ऐसा क्यों होता है? अगर आपको इसके पीछे का कारण नहीं पता है तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं. 


असल में इसे हिप्निक जर्क कहते हैं. यह झटका आपको नींद से जगा देता है. इस दौरान थोड़ी देर तक असली और सपने के बीच अंतर नहीं समझ आता है.


दिमाग करता है शरीर को कंट्रोल


हमारे दिमाग को हर वक्त शरीर को कंट्रोल करके रखने की आदत होती है. दिमाग को शरीर के हर अंग की जानकारी होती है. हम कब सांस ले रहे हैं, कब सो रहे हैं, कब जागते हैं, ये सब जानकारी हमारे दिमाग के पास होती है. दिमाग एक चौकीदार की तरह होता है, जो हर समय हमें किसी भी खतरे से बचाने के लिए हमेशा तैयार रहता है. खतरा महसूस होने पर यह तुरंत हमारे शरीर के अंगों को बचाव के लिए सिग्नल भेजने लगता है.


इसलिए लगता है झटका


इस हिप्निक जर्क का संबंध भी इसी से है. गिरने का एहसास हमें तब होता है जब नींद लग ही रही होती है. इस दौरान जब हमारी आंखें बंद हो जाती हैं और धड़कनें धीमी पड़ जाती हैं तो कई बार दिमाग कंफ्यूज हो जाता है. हमारे दिमाग को लगता है कि कहीं हम मर तो नहीं रहे और तुरंत ही दिमाग हरकत में आ जाता है. 


जगाने के लिए अपनाता है बेहद स्मार्ट तरीका


हमें जगाने के लिए दिमाग बेहद स्मार्ट तरीका अपनाता है और सपने में ऐसी इमेज बनाता है, जिसमें आप किसी ऊंची जगह, किसी सीढ़ी या फिर किसी खतरनाक सी जगह से गिर रहे होते हैं.  ऐसे में दिमाग अचानक पैरों को सिग्नल भेजता है. सिग्नल मिलते ही झटके से हमारी नींद खुल जाती है. इस तरह दिमाग का काम पूरा हो जाता है. जागने के बाद हमारे दिमाग को संतुष्टि हो जाती है कि हम जिंदा हैं. इसके बाद, सबकुछ ठीक पा कर वह भी सामान्य अवस्था में चला जा जाता है और हम एक दो करवट लेकर फिर गहरी नींद में चले जाते हैं.


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