IAS पूजा खेडकर की कुल कितनी है संपत्ति, इनकम जानकर हैरान रह जाएंगे आप
IAS Puja Khedkar: UPSC की परीक्षा में काफी पीछे रैंक होने के बावजूद आईएएस बनने के चलते पूजा खेड़कर इन दिनों चर्चाओं में हैं.
IAS Puja Khedkar: महाराष्ट्र की चर्चित IAS अधिकारी पूजा खेडकर इन दिनों काफी विवादों का सामना कर रही हैं. OBC श्रेणी से IAS बनने वाले अंतिम छात्रों की रैंक 434 थी. पूजा की रैंक 821 थी, वो काफी पीछे थी फिर भी IAS बन गईं. इसके अलावा उन्होंने खुद को नॉन क्रीमी लेयर कैंडिडेट बताया था. वहीं उनके पिता ने अपने चुनावी हलफलनामे में 40 करोड़ रुपये की संपत्ति बताई थी. ऐसे में पूजा खेड़कर के ओबीसी नॉन क्रीमी कैंडिडेट होने पर सवाल उठ रहे हैं कि यदि किसी कैंडिडेट के पिता की संपत्ति 40 करोड़ रुपये हो तो उसकी संतान को ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में कैसे माना जा सकता है.
ये भी लगे आरोप
इतना ही नहीं पूजा खेडकर ने यूपीएससी को सौंपे हलफतनामे में खुद के दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से बीमार होने का दावा किया था. इस सर्टिफिकेट का उपयोग उन्होंने विशेष रियायतें हासिल करने के लिए किया था. जिसके चलते कम नंबर आने के बावजूद उन्होंने परीक्षा पास कर ली थी.
कितनी है पूजा खेडकर की इनकम?
पूजा खेडकर ने अपनी आय के बारे में बताया है कि उनके पास पुणे जिले में चार स्थानों और अहमदनगर जिले में तीन स्थानों पर जमीन है.
उन्होंने बताया कि इन संपत्तियों की कुल कीमत 1 करोड़ 93 लाख रुपये है और पूजा को इससे 42 लाख रुपये की आय हो रही है. उनके पिता की आय 40 करोड़ रुपये है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि ओबीसी वर्ग में छूट पाने के लिए आवश्यक आठ लाख रुपये की आय सीमा वाला प्रमाणपत्र कैसे मिला.
प्रोबेशन के दौरान रखी थी ये मांगे
पुणे में अपने प्रोबेशन के दौरान पूजा खेडकर ने कई विशेष अधिकारों की मांग की थी, जो आमतौर पर प्रोबेशनरी अधिकारियों को नहीं मिलते. इन मांगों में पूजा खेडकर ने लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल किया.
उसने अपनी गाड़ी पर महाराष्ट्र सरकार का बोर्ड लगाया और एक आधिकारिक कार, आवास, एक ऑफिस रूम और अतिरिक्त कर्माचरियों की मांग की. यहां तक की उन्होंने एडिशनल कलेक्टर की अनुपस्थिति में उनके चेंबर पर कब्जा तक कर लिया. बता दें कि डॉ. खेडकर के पिता रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी हैं, उन्होंने कथित तौर पर जिला कलेक्टर के कार्यालय पर पूजा की मांगों को पूरा करने के लिए दबाव तक बनाया. इसके अलावा उन्होंने ये भी दवाब बनाया कि यदि मांगे पूरी नहीं हुईं तो उन्हें इसके गलत परिणाम भुगतने होंगे.
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