मिल गए हिमयुग के हथियार, कुल्हाड़ियों की साइज बता रही है पूर्वजों का इतिहास
आर्कियोलॉजिस्ट को ये हथियार दक्षिण इंग्लैंड में एक जगह खुदाई के दौरान मिले हैं. ये पत्थर से बने कुल्हाड़ी हैं. इनका आकार इतना बड़ा है कि इन्हें आज का इंसान चला भी नहीं सकता.
पृथ्वी का जब निर्माण हुआ तब इस पर मनुष्य नाम का कोई भी जीव नहीं था. लेकिन धीरे धीरे इस पर जीवों की उत्पत्ति शुरू हुई और फिर पहले बंदर फिर उनसे आज के आधुनिक मनुष्य बने. हालांकि, बंदर से आधुनिक मनुष्य बनने का सफर काफी लंबा रहा है. इस सफर में इंसान दिमाग से भले ही बड़ा हुआ है, लेकिन शरीर से छोटा हुआ है. कहते हैं कि एक वक्त ऐसा था जब पृथ्वी पर रहने वाले इंसानों की साइज इतनी होती थी कि वह देखने में किसी दानव की तरह लगते थे. अब तक ये सिर्फ कहानियों में था, लेकिन दक्षिण इंग्लैंड में मिले कुछ पाषाण काल के हथियारों ने ये साबित कर दिया है कि उस दौर में इंसान कितने विशालकाय हुआ करते थे.
कैसे हैं ये हथियार?
आर्कियोलॉजिस्ट को ये हथियार दक्षिण इंग्लैंड में एक जगह खुदाई के दौरान मिले हैं. ये पत्थर से बने कुल्हाड़ी हैं. इनका आकार इतना बड़ा है कि इन्हें आज का इंसान चला भी नहीं सकता. इससे साफ जाहिर होता है कि उस दौर में इंसान कितने विशाल हुआ करते थे.
कितना पुराना है ये हथियार
आर्कियोलॉजिस्ट्स की मानें तो ये हथियार लगभग तीन लाख साल पुराने हैं. यानि उस दौर के जब हिमयुग हुआ करता था और हर तरफ बर्फ ही बर्फ थी. इस खुदाई के दौरान वैज्ञानिकों को लगभग 800 हथियार मिले हैं. ये सभी हथियार दक्षिण इंग्लैंड के पहाड़ी इलाकों में मिले हैं. इन्हें देख कर ऐसा लग रहा है जैसे कि एक पूरा कबीला जो हथियारों से लैस थे बर्फ के तूफान में दब कर मर गए थे.
इन हथियारों का इस्तेमाल किसलिए होता था?
आर्कियोलॉजिस्ट्स का कहना है कि इन हथियारों का इस्तेमाल हिममानव जानवरों का शिकार करने के लिए और फिर उन्हें काटने और उनकी खाल निकालने के लिए करते थे. सोचिए वो जानवर कितने बड़े होते होंगे जिनके शिकार के लिए हिमयुग के इंसानों को इतने बड़े बड़े हथियार चाहिए होते होंगे.
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