पकड़ते ही उंगलियों से फिसल जाती है बर्फ, आखिर क्यों होता है ऐसा, इसके पीछे का साइंस नहीं जानते होंगे आप
Ice Slipping Science: कभी आपने कभी सोचा है बर्फ हाथ में लेते ही फिसलने क्यों लगती है. आखिर क्यों होता है ऐसा. क्या इसके पीछे छिपा होता है साइंस. चलिए आपको बताते हैं.
Ice Slipping Science: भारत के कई राज्यों में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. जिसकी वजह से लोगों का बुरा हाल हुआ जा रहा है. गर्मी में से बचने के लिए लोग तरह-तरह के तरीके आजमाते हैं. इनमें एक तरीका है ठंडे पेय पदार्थ पीने का जैसे कोई जूस या फिर कोई शेक. गिलास में आइस क्यूब्स डालकर जूस पीने का अपना अलग ही मजा होता है.
शहरों में तो आसानी से लोगों के पास रेफ्रिजरेटर में बर्फ जमने का जरिया होता है. लेकिन गांव में लोगों के पास यह जरिया नहीं होता है इसलिए लोग अक्सर बर्फ खरीद कर पानी ठंडा करते हैं. बर्फ से बच्चे भी काफी खेलते हैं. वह उसे बार-बार पकड़ने की कोशिश करते हैं और वह बार-बार फिसलती है. लेकिन कभी आपने कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है बर्फ हाथ में लेते ही फिसलने क्यों लगती है. इसके पीछे छिपा होता है साइंस चलिए आपको बताते हैं.
लंबे समय से हो रही है रिसर्च
दुनिया के वैज्ञानिक कई चीजों को लेकर रिसर्च करते रहते हैं. बर्फ को लेकर के भी एक लंबे अरसे से वैज्ञानिकों द्वारा रिसर्च की जा रही है. बर्फ जमना पानी का जमना होता है. जब पानी का तापमान बेहद कम होता जाता है. तब वह जम जाता है. फ्रिज में जब लोग आइसक्रीम है पानी भर के रखते हैं तब उस जमे हुए आइस को आइस क्यूब्स कहा जाता है.
बर्फ के बाहरी हिस्से पर पानी के परत लिपटी होती है. जो जीरो डिग्री तापमान से भी नीचे के तापमान पर दिखती है. बर्फ पिघलने की प्रक्रिया को परी मेल्टिंग कहा जाता है. यानी बर्फ अंदर से नहीं पिलाती पहले वह बाहर से पिघलना शुरू होती है. 1850 के दशक में ब्रिटिश साइंटिस्ट माइकल फैराडे ने बर्फ के ऊपर जमी लिक्विड परत को लेकर शोध किया था.
नई स्टडी में हुआ खुलासा
चीन की मशहूर यूनिवर्सिटी पेकिंग यूनिवर्सिटी के फिजिसिस्ट यिंग जियांग और उनके सहयोगियों ने बर्फ को लेकर एक स्टडी की थी जिसे नेचर पत्रिका में में पब्लिश किया गया है. इस स्टडी के अनुसार यह बताया गया है कि -150 डिग्री सेल्सियस तापमान पर जब बर्फ जमती है. तो उसकी सतह एक नहीं बल्कि दो प्रकार की बर्फ से बनी होती है. है. इस स्टडी में वैज्ञानिकों ने बर्फ की सतह को जांचने के लिए एटॉमिक फोर्स माइक्रोस्कोप का इस्तेमाल किया.
इस वजह से फिसलने लगती है
वैज्ञानिकों ने स्टडी में पाया की बर्फ के अंदर अलग-अलग तरह के स्ट्रक्चर होते हैं. जिस वजह से बर्फ की लिक्विडिटी बढ़ जाती है. और उसका सबसे ज्यादा असर होता है बर्फ की ऊपरी परत पर. इसीलिए जब कोई अपने हाथ में आइस क्यूब्स पकड़ता है. तब वह फिसलने लगते हैं. ह्यूमन बॉडी का टेंपरेचर भी ज्यादा होता है इसीलिए जैसे ही बर्फ हाथ में की आती है पिघलने लगती है.
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