पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर गठित उच्च स्तरीय समिति ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. बता दें कि उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करके अपनी रिपोर्ट सौंपी है. इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वन नेशन वन इलेक्शन क्या है और इसके लागू होने से देश पर क्या फर्क पड़ेगा. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.
वन नेशन वन इलेक्शन
बता दें कि रामनाथ कोविंद समिति की यह रिपोर्ट कुल 18,626 पन्नों की है. जानकारी के मुताबिक हाई लेवल कमेटी ने हितधारकों, विशेषज्ञों के साथ व्यापक परामर्श और 191 दिनों तक लगातार काम करने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है. जानकारी के मुताबिक इस रिपोर्ट में 2029 में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की गई है. बता दें कि देश में हर कुछ महीनों के बाद किसी ना किसी हिस्से में चुनाव होते हैं. देश में पिछले करीब तीन दशकों में एक साल भी ऐसा नहीं बीता, जब चुनाव आयोग ने किसी ना किसी राज्य में कोई चुनाव ना करवाया हो.
क्या है ‘एक देश एक चुनाव’ का आइडिया?
‘एक देश एक चुनाव’ का वास्तविक अर्थ यह है कि संसद, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव एक साथ एक ही समय पर होना चाहिए. इससे वोटर यानी लोग एक ही दिन में सरकार या प्रशासन के तीनों स्तरों के लिए वोटिंग करेंगे. हालांकि विधानसभा और संसद के चुनाव केंद्रीय चुनाव आयोग संपन्न करवाता है. वहीं स्थानीय निकाय चुनाव राज्य चुनाव आयोग करवाता है. इसलिए तकनीकी रूप से संसद और विधानसभा चुनाव को एक साथ संपन्न करवाया जा सकता है.
देश को क्या होगा फायदा
• जानकारों का कहना है किइससे देश के राजकोष को फायदा होगा और देश के राजकोष की बचत होगी. क्योंकि देश में चुनाव पर अरबों रुपये खर्च होते हैं.
• देश में बार-बार चुनाव होने से सरकारी व्यवस्था बिगड़ जाती है, इससे विकास कार्यों पर भी फर्क पड़ता है.
• बता दें कि सीबीआई और चुनाव आयोग की कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चुनाव के दौरान काले धन को खपाया जाता है. एक बार चुनाव होने से इस पर रोक लगेगी.
• एक चुनाव होने से सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल एक ही बार होगा. इससे स्कूल, कॉलेज और अन्य विभागों के सरकारी कर्मचारियों का समय और काम बार बार प्रभावित नहीं होगा. जिससे सारी संस्थाएं बेहतर ढंग से काम कर सकेंगी.
• सबसे बड़ी बात की एक बार चुनाव होने से वोटर ज़्यादा संख्या में वोट करने के लिए निकलेंगे और लोकतंत्र और मज़बूत होगा.
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