सांप को दुनिया की सबसे जहरीला जानवर माना जाता है. कुछ सांप तो इतने जहरीले होते हैं कि अगर वो किसी इंसान को काट ले, तो उसकी मौत हो जाती है. लेकिन कई बार सांप के काटने के बाद पता नहीं चल पाता है कि सांप जहरीला था या नहीं. आज हम आपको बताने वाले हैं कि जहरीले सांप को कैसे पहचाना जाए.


सांप की आंख


जानकारी के मुताबिक सांप की आंखों से पता चलता है कि वह जहरीला है या नहीं. विषैले सांपों की पुतलियां आम तौर पर कटी हुई या अंडाकार होती हैं, जबकि गैर विषैले सांपों की पुतलियां आमतौर पर गोल होती हैं. बता दें कि बिल्ली की आंख की तरह अधिकांश विषैले सांपों की पुतलियां पतली, काली, ऊर्ध्वाधर होती हैं जो पीले-हरे नेत्रगोलक से घिरी होती हैं. हालांकि इसमें भी कुछ अपवाद है. जैसे मूंगा सांप की पुतलियां गोल होती हैं. 


गैर विषैले सांपों का सिर गोल


एक रिपोर्ट के मुताबिक गैर विषैले सांपों का सिर गोल होता है, जबक‍ि विषैले सांपों का सिर अधिकतर त्रिकोणीय आकार का होता है. इसके अलावा जहरीले सांप के सिर का आकार शिकारियों को डरा सकता है. हालांकि कुछ गैर विषैले सांप भी अपने सिर को चपटा करके गैर विषैले सांपों के त्रिकोणीय आकार की नकल करते हैं, ताकि श‍िकारी भाग जाए. इसके अलावा ज्‍यादातर विषैले सांपों के सिर पर छेद यानी एक तरह का गड्ढा होता है. वहीं उनके थूथन पर दो गड्ढे दिखाई देते हैं. इसी लिए कहा जाता है कि सांप के मरने के बाद भी उसका सिर नहीं छुना चाहिए. 


सांप का व्‍यवहार


जहरीले सांपों को पहचानने का तरीका उनका व्‍यवहार भी है. हालांकि सिर्फ सांप के एक्‍सपर्ट ही इनमें फर्क कर सकते हैं. विषैले सांप जब क‍िसी को करीब आते देखते हैं, तो जोर से फुफकार मारते हैं. यानी वे डराने की कोश‍िश करते हैं. इसके अलावा पूंछ तेजी से ह‍िलाने लगते हैं. ज्‍यादातर विषैले सांप पानी के करीब रहना पसंद करते हैं. लेकिन भारतीय सांपों में यह व्‍यवहार अलग होता है. भारतीय सांप गर्म जगहों पर भी रहते हैं. वहीं भारत में मिलने वाले ज्‍यादातर विषैले सांप पीले, भूरे और काले रंग के होते हैं. 


 


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