भारत समेत दुनियाभर में खाने की बहुत सारी वैरायटी मौजूद हैं. इतना ही नहीं आम लोगों के अलावा वैज्ञानिक भी अलग-अलग वैरायटी की खोज करते रहते हैं. लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भारत की इडली, चना मसाला, राजमा और चिकन जलफ्रेजी उन टॉप 25 डिशेज में शामिल की गई हैं, जो बायोडायवर्सिटी यानी जैवविविधता को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं. जानकारी के मुताबिक वैज्ञानिकों ने दुनियाभर के 151 लोकप्रिय व्यंजनों के बायोडायवर्सिटी फुटप्रिंट्स का अध्ययन करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है. जानें वैज्ञानिकों ने इन व्यंजन को लेकर क्या कहा. 


कौन सा व्यंजन ज्यादा खतरनाक


बता दें कि वैज्ञानिकों के मुताबिक सबसे ज्यादा बायोडायवर्सिटी फुटप्रिंट वाली डिश स्पेन की रोस्ट लैंब रेसिपी लेशाजो है. वहीं लेशाजो के बाद चार स्थानों पर ब्राजील के मांसाहारी व्यंजन हैं. इसके बाद इडली को छठे और राजमा को सातवें स्थान पर रखा गया है. रिसर्च में पता चला है कि वीगन और वेजिटेरियन डिशेज आम तौर पर मांसाहारी व्यंजनों की तुलना में कम बायोडायवर्सिटी फुटप्रिंट वाली रहती हैं. लेकिन वैज्ञानिकों ने कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि चावल और फलियों वाली डिशेज के बायोडायवर्सिटी फुटप्रिंट ज्यादा मिले हैं.


आलू पराठा और डोसा किस नंबर पर ? 


वैज्ञानिकों ने स्टडी में सबसे कम बायोडायवर्सिटी फुटप्रिंट वाली डिश फ्रेंच फ्राई बताई है. भारत के आलू पराठा को 96वें स्थान पर, डोसा को 103वें और बोंडा को 109वें स्थान पर रखा गया है. अध्ययन में कहा गया है कि इस रिसर्च से ये पता चलता है कि भारत में बायोडायवर्सिटी पर दबाव ज्यादा है.


पर्यावरण के हित में ये रिसर्च 


रिसर्च का नेतृत्व करने वाले नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर में बायोलॉजिकल साइंसेज के एसोसिएट प्रोफेसर लुइस रोमन ने कहा कि भोजन की पसंद आम तौर पर स्वाद, कीमत और हेल्थ से प्रभावित होती है. लेकिन बायोडायवर्सिटी इंपैक्ट स्कोर देने वाले अध्ययन लोगों की इस बात में मदद कर सकते हैं कि उनकी फूड चॉइस पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए होनी चाहिए.


 


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