CAA: 11 दिसंबर 2019 को भारत में भारतीय नागरिकता  संशोधन कानून पास हुआ था. जिनके करीब 3 साल बाद 11 मार्च 2024 को इस कानून को भारत में लागू कर दिया गया. नागरिकता संशोधन कानून भारत की नागरिकता में कुछ महत्वपूर्ण नियम जोड़ता है. जिसनें भारत के तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता देने की प्रक्रिया को सरल बना दिया है.  


इस कानून के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आए बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के हिंदू,जैन, बौद्ध, सिख और ईसाई धर्मों से ताल्लुक रखने वाले लोगों को बिना किसी दस्तावेज के भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है. लेकिन अगर इन सभी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दे दी जाए तो भारत की जनसंख्या कितनी बढ़ जाएगी. चलिेए जानते हैंं इन देशों में कितने अल्पसंख्यक हैं और भारत में इनकी जनसंख्या जोड़ने पर कितनी हो जाएगी भारत की कुल जनसंख्या. 


इन देशों में हैं इतने अल्पसंख्यक 


अगर पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की बात की जाए तो पाकिस्तान में कुल 22,10,566 हिंदू रहते हैं. वहीं 18,73,348 ईसाई धर्म के लोग रहते हैं. 74,130 सिख धर्म के लोग रहते हैं. तो वहीं 6 लोग जैन धर्म को मानने वाले रहते हैं. इस संख्या को कुल मिलाएं तो होती है 41,58,040. 


वहीं अगर बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की बात की जाए. साल 1971 में बांग्लादेश एक अलग देश बना था तब बांग्लादेश में 33% हिंदू आबादी थी. जो कि अब घटकर करीब 8% रह गई है. यानी बांग्लादेश में एक करोड़ हिंदू अल्पसंख्यक रहते हैं. 


अफगानिस्तान की बात की जाए तो अफगानिस्तान में ज्यादा संख्या में अल्पसंख्यक लोग नहीं रहते. एक अनुमान के मुताबिक अफगानिस्तान में करीब हजार हिंदू अल्पसंख्यक रहते हैं. तो वहीं अफगानिस्तान में करीब 200 सिख धर्म के लोग रहते हैं.  पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान इन तीनों देशों के अल्पसंख्यकों को मिलाया जाए तो वह होती 1,41,59,240 है.


हो जाएगी भारत की इतनी जनसंख्या


11 मार्च 2024 को भारतीय सरकार द्वारा CAA देशभर में लागू कर दिया गया है. इसके बाद 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में पाकिस्तान, बांग्लादेश अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक जिनमें हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख और ईसाई धर्म के लोग जो आकर रह रहे हैं. उन्हें बिना किसी डॉक्यूमेंट के भारत की नागरिकता मिल जाएगी. इसके अलावा अगर भारत सरकार इन सभी तीनों के देशों के सभी अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दे दी तो भारत की जनसंख्या में करोड़ों की वृद्धि हो जाएगी.


जैसा कि हमने ऊपर इन तीनों देशों की जनसंख्या को जोड़कर बताया. इन तीनों देशों में रहने वाले अल्पसंख्यकों की जनसंख्या को अगर मिलाया जाए तो वह होती है 1,41,59,240. भारत की फिलहाल कुल जनसंख्या देखें तो 1,437,768,424 है. जिसमें तीन देशों के अल्पसंख्यकों की जनसंख्या मिलाते हैं जो कि 1,41,59,240 है. तो भारत की कुल जनसंख्या हो जाएगी 1,449,927,664. 


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