MP MLA Pension System: भारत में पेंशन व्यवस्था को लेकर अक्सर सरकार और सरकारी कर्मचारियों के बीच बहस छिड़ी हुई होती है. वन रैंक वन पेंशन को भी लंबे अरसे बाद लागू किया गया है.  वर्तमान में सरकारी नौकरी की बात की जाए तो पेंशन व्यवस्था को बंद कर दिया गया है.  यानी भारतीय सैना के पर्मानेंट कर्मचारियों के अलावा कोई भी सरकारी कर्मचारी पेंशन का हकदार नहीं होगा. 


एक और जहां सरकारी कर्मचारियों की पेंशन को बंद किया गया है. तो वहीं आज भी राजनेताओं की पेंशन बहाल है. क्या आपको पता है कि अगर कोई विधायक एक से ज्यादा बार विधायक रहता है या सांसद एक से ज्यादा बार सांसद रहता है. सीएम एक से ज्यादा बार सीएम रहता है या पीएम से ज्यादा बार पीएम रहता है तो उसे कितनी पेंशन मिलती है. नहीं जानते तो आइए आपको बताते हैं. 


विधायक-सांसद को मिलती है इतनी पेंशन


भारत के अलग-अलग राज्यों में विधायकों की अलग-अलग पेंशन व्यवस्था है.  कई राज्यों में तो विधायकों की पेंशन सांसद से ज्यादा होती है.  विधायकों को रिटायरमेंट के बाद पहले 5 साल में प्रति माह ₹35000 की पेंशन मिलती है. उसके बाद अगर वहीं सांसद की बात की जाए तो सांसद को प्रति माह ₹20000-25000 पेंशन के तौर पर मिलते हैं. वहीं अगर कोई एक से ज्यादा बार विधायक रहा है तो उसकी पेंशन में उसी हिसाब से इजाफा होता रहता है. 


मसलन राजस्थान में विधायक की पेंशन 35000 है अगर वह दो बार विधायक रहा है तो उसकी पेंशन में ₹8000 का इजाफा और हो जाएगा. ऐसे ही क्रमानुसार उसकी पेंशन बढ़ती जाएगी. ऐसी ही अगर सांसद एक से ज्यादा बार सांसद रहा है तो उसकी पेंशन में भी इजाफा हो जाता है. बता दें कि भारत में गुजरात एकमात्र ऐसा राज्य है जहाँ विधायकों को पेंशन देने का प्रावधान नहीं है. 


क्या CM और PM को ज्यादा पेंशन मिलती है?


मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की पेंशन को लेकर अगर बात की जाए तो ऐसा कोई प्रावधान नहीं तय किया गया है. जिससे इन दोनों पदों पर रिटायर होने वाले नेताओं को अलग से पेंशन दी जाए.  इनकी पेंशन विधायक और संसद के नाते ही तय की जाती है.  जैसे अगर कोई मुख्यमंत्री विधायक था तो उसकी पेंशन विधायक के तौर पर ही तय की जाएगी.  ठीक वैसे ही प्रधानमंत्री को सांसद के तौर पर ही पेंशन दी जाएगी.