क्रिकेट मैच के लिए पिच का सही होना बहुत जरुरी होता है. कई बार तो ये पिच ही जीत और हार का फैसला करती है. किसी के लिए पिच अनुकूल होती है तो किसी के लिए खराब साबित हो जाती है. ऐसे में क्या आप जानते हैं कि इस पिच को खराब करना भी गैरकानूनी माना जाता है? जी हां, इसके लिए भी एक खास नियम है . ऐसे में चलिए जानते हैं कि क्रिकेट को लेकर कितनी सजा होती है.
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पिच खराब होने से क्या हो सकता है?
एक पिच को खराब तब माना जाता है जब वह खेल के लिए उपयुक्त नहीं होती है. उदाहरण के लिए, अगर पिच बहुत सूखी या बहुत गीली है, या अगर उसमें असमान उछाल है, तो इसे खराब माना जा सकता है. इसके अलावा क्रिकेट पिच को खराब किया जाता है तो उसे खेल के लिए सही नहीं माना जाता. ऐसे में चलिए जानते हैं कि इसे लेकर क्या नियम होते हैं.
पिच खराब होने की क्या होती है सजा?
अगर कोई पिच खराब कर देता है, तो इसके लिए कई तरह की सजाएं हो सकती हैं. जैसे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने पिचों की रेटिंग के लिए एक सिस्टम बनाया है. अगर कोई पिच खराब पाई जाती है, तो उस स्टेडियम को डिमैरिट पॉइंट्स दिए जाते हैं. अगर किसी स्टेडियम को बहुत सारे डिमैरिट पॉइंट्स मिल जाते हैं, तो उस स्टेडियम पर अंतरराष्ट्रीय मैचों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है. बता दें पिच खराब करने के लिए स्टेडियम के प्रबंधन पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इसके अलावा पिच खराब करने पर आईसीसी अन्य तरह के दंड भी लगा सकती है, जैसे कि स्टेडियम के अधिकारियों को निलंबित करना.
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क्या हैं आईसीसी के नियम?
आईसीसी के पिच को लेकर कुछ नियम हैं. दरअसल पिच पर बल्ले और गेंद के बीच बराबरी का मुकाबला नहीं होता, या तो उस पिच पर बल्लेबाजों को सबसे ज्यादा मदद मिलती है और गेंदबाजों को पिच से कोई भी मदद ना मिले, चाहे वो तेज गेंदबाज हो या स्पिनर. उसी पिच पर गेंदबाजों को भरपूर मदद मिल रही हो और बल्लेबाजों को रन बनाने का मौका ना मिल रहा हो. पिच पर उछाल होना भी बहुत जरुरी होता है. हालांकि कई बार मौसम और बारिश के चलते भी पिच खराब हो जाती है.
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