ट्रेनों पर पथराव की कई खबरें आए दिन आती रहती हैं. बुधवार को ही बिहार के गया में वंदे भारत ट्रेन पर पत्थर फेंका गया, जिससे उसकी खिड़की का शीशा टूट गया. दरअसल, बिहार के गया में वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल चल रहा था. इसी दौरान एक शख्स ने ट्रेन पर पत्थर फेंक दिया, जिसकी वजह से वंदे भारत ट्रेन की एक कोच की खिड़की का शीशा टूट गया.


हालांकि, ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी देश में कई बार ट्रेनों पर पत्थर फेंका गया है. ट्रेनों पर होने वाली इन पथरावों की वजह से कई लोग घायल भी हो जाते हैं. ऐसे में ये सवाल उठना लाज़मी है कि अगर भारत में कोई व्यक्ति चलती ट्रेन पर पत्थर मारता पकड़ा गया तो उसे कितनी सजा होगी. चलिए आपको बताते हैं कि ऐसे मामलों में व्यक्ति को किस कानून के तहत सजा दी जाती है.


किस धारा के तहत होती है कार्रवाई


अगर कोई व्यक्ति चलती ट्रेन पर पत्थर चलाता है या किसी भी तरह से ट्रेन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते है  तो उसके खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 153 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाती है. इस धारा के तहत अगर किसी पर कार्रवाई होती है तो दोषी पाए जाने पर 5 साल तक की सजा का प्रावधान है.


ये भी पढ़ें: यूपी के कई जिलों में पहले भी हमला कर चुके भेड़िए, 50 बच्चों को मारकर लिया था इस बात का बदला


ट्रेन पर पथराव की घटनाएं


देश में ट्रेनों पर पथराव की कई घटनाएं बीते वर्षों में हुई हैं. मार्च 2023 में इस मामले में रेलवे ने 39 लोगों पर कार्रवाई भी की थी. दरअसल, मार्च 2023 में तेलंगाना में कई जगहों पर वंदे भारत ट्रेनों पर पथराव किए गए थे. खासतौर से काजीपेट, खम्माम, भोंगीर और एलुरु-राजमुंदरी जैसी जगहों पर पत्थरबाजी की घटनाएं ज्यादा हुईं. दक्षिण मध्य रेलवे ने इन मामलों को गंभीरता से लिया और 39 लोगों को चिह्नित कर गिरफ्तार किया. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे सुरक्षा बल यानी आरपीएफ ने आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद बताया कि पत्थरबाजी के आरोप में अरेस्ट हुए लोगों में 17 साल तक के बच्चे भी शामिल थे.


ये भी पढ़ें: 9/11 अटैक के बाद अमेरिका में बना था ये स्पेशल दस्ता, अब परिंदा भी नहीं मार सकता पर