अगर सूरज पश्चिम से उगने लगे तो इंसानों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा
अगर ऐसा हुआ तो वातावरण पर इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं. जैसे सुपरसोनिक हवाओं का चलना और समुद्र में तेज सुनामी की स्थिति का बन जाना.
धरती पर जीवन का सबसे बड़ा केंद्र सूरज है. इसके उदय होने और अस्त होने पर इंसानों के जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है. लेकिन क्या हो अगर सूरज ही अपनी चाल बदल दे. दरअसल, हम बात कर रहे हैं उस समय की जब सूरज पूर्व की ओर छोड़ कर पश्चिम से उगने लगे. चलिए आज आपको इसी सवाल का जवाब देते हैं कि अगर सूरज पूर्व की बजाय पश्चिम से उगने लगे तो इसका इंसानों के जीवन पर क्या असर होगा.
सूर्य के पश्चिम से उगने पर क्या होगा
विज्ञान कहता है कि ऐसा तभी संभव है जब पृथ्वी पूर्व से पश्चिम की ओर घूमने लगे. अगर ऐसा हुआ तो वातावरण पर इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं. जैसे सुपरसोनिक हवाओं का चलना और समुद्र में तेज सुनामी की स्थिति का बन जाना. यहां तक कि धरती पर भी इसके गंभीर बदलाव दिखेंगे. जैसे आज जिस दक्षिणी अमेरिका में हरे भरे जंगल हैं वो रेगिस्तान में बदल जाएंगे. समुद्र के लहरों की दिशाएं बदल जाएंगीं और हवाएं उल्टी बहने लगेंगी.
रेगिस्तान जंगल बन जाएंगे
अगर ऐसा हुआ तो संभव है कि कुछ वर्षों में धरती पर मौजूद रेगिस्तान हरे भरे जंगली इलाकों की तरह हो जाएं. दरअसल, जब हवाओं में परिवर्तन आएगा तो तापमान में भी परिवर्तन आएगा, यानी जो इलाके आज बेहद ठंडे हैं वो गर्म हो जाएंगे और जो इलाके आज बेहद गर्म हैं वो बेहद ठंडे हो जाएंगे. वैज्ञानिकों का मानना है कि ये ऐसा संभव है कि दुनिया में तटीय इलाके डूब जाएं कुछ जीव हमेशा के लिए विलुप्त हो जाएं.
यहां तक कि कई फसलें भी इस दुनिया से गायब हो सकती हैं. साफ भाषा में कहें तो अगर ऐसा हुआ तो कुछ वर्षों तक पूरी पृथ्वी उथल पुथल का शिकार हो जाएगी. इसके अलावा इंसानों के रंग रूप पर भी इसका असर पड़ सकता है. यानी अगर ऐसा हुआ तो कुछ सौ वर्षों में अमेरिका और युरोप के लोग काले और अफ्रीका के लोग गोरे हो जाएंगे.
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