अगर आज की दुनिया में तीसरा विश्व युद्ध (World War III) होता है, तो इसका परिणाम बहुत ज्यादा विनाशकारी हो सकता है. आज के दौर में मौजूद हथियारों की घातक विनाशकारी शक्ति और तकनीक को देखते हुए ये कहना गलत नहीं होगा कि अगर आज विश्व युद्ध हुआ तो इसके परिणामस्वरूप पहले के मुकाबले वैश्विक तबाही की संभावना बहुत अधिक होगी. चलिए समझते हैं कि तीसरा विश्व युद्ध कितना घातक हो सकता है और इससे दुनिया कितनी जल्दी खत्म हो सकती है.


परमाणु हथियारों की शक्ति और प्रभाव


आज के समय में सबसे बड़ी चिंता परमाणु हथियारों की है. पिछले विश्व युद्धों के समय में जितने शक्तिशाली हथियार थे, उनकी तुलना में आज के परमाणु हथियार कई गुना ज्यादा विनाशकारी हैं. आज के दौर के एक आधुनिक परमाणु बम की शक्ति हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए बमों से सैकड़ों गुना ज्यादा हो सकती है. यानी अगर आज परमाणु युद्ध शुरू होता है तो कुछ ही घंटों में दुनिया के बड़े शहर पूरी तरह से नष्ट हो सकते हैं. खासतौर से अमेरिका, रूस, चीन और अन्य देशों के पास इतने परमाणु हथियार हैं कि वह कई बार पूरी पृथ्वी को नष्ट कर सकते हैं.


परमाणु हमले के बाद की तबाही


परमाणु युद्ध अगर शुरु हुआ तो कुछ ही घंटों में पूरी पृथ्वी खत्म हो जाएगी. लेकिन अगर कुछ बच गया तो उसके बाद के प्रभाव से खत्म हो जाएगा. दरअसल, जब परमाणु विस्फोट होता है, तब उससे उठने वाली धूल और राख वायुमंडल में पहुंच जाती है. इससे सूर्य की रोशनी धरती तक नहीं पहुंच पाती और ग्लोबल कूलिंग का प्रभाव शुरु हो जाता है. इससे धरती का तापमान तेजी से गिर सकता है, जिससे धरती पर सबकुछ नष्ट हो सकता है. 


रासायनिक और जैविक हथियार का इस्तेमाल हुआ तब क्या होगा


अभी तक आपने परमाणु हथियारों के हमले से होने वाली तबाही के बारे में जाना. लेकिन क्या आप जानते हैं कि रासायनिक और जैविक हथियार कितने खतरनाक हो सकते हैं. आपको बता दें, इन हथियारों का उपयोग युद्ध को और अधिक विनाशकारी बना सकता है. दरअसल, रासायनिक हथियार जैसे नर्व गैस, मस्टर्ड गैस, और अन्य जहरीले रसायनों से लाखों लोग एक ही समय में मर सकते हैं या प्रभावित हो सकते हैं. ये हथियार 


इसके अलावा जैविक हथियार जैसे- वायरस, बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीवों का उपयोग महामारियों का खतरा पैदा कर सकता है. एक जैविक हथियार के रूप में उपयोग किया गया वायरस या बैक्टीरिया तेजी से फैल सकता है और लाखों लोगों को संक्रमित कर सकता है या मौत के घाट उतार सकता है. यानी अगर तीसरे विश्व युद्ध के दौरान किसी देश ने जैविक हथियारों का इस्तेमाल किया, तो यह एक वैश्विक महामारी का रूप ले सकता है. कुल मिलाकर कहें तो आज के समय में कुछ देशों के पास इतने घातक हथियार और तकनीक है कि वह पूरी दुनिया को एक झटके में समाप्ति के कगार पर ला सकते हैं.


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