पाकिस्तान और भारत के बीच तनावपूर्ण संबंधों को देखते हुए पाकिस्तान पर मिसाइल हमले का खतरा हमेशा बना रहता है. इसीलिए यह सवाल उठना भी लाजमी है कि क्या पाकिस्तान इस तरह के हमले से बचाव कर सकता है? पाकिस्तान हमेशा अपने एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर सतर्क रहता है. तो चलिए आज हम पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम की क्षमताओं को जानेंगे और यह जानने की कोशिश करेंगे कि वह किस हद तक मिसाइल हमलों से खुद को बचा सकता है.


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पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम


पाकिस्तान ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने के लिए काफी कोशिशें की हैं. उसने कई तरह के मिसाइल सिस्टम खरीदे हैं जिनमें S-300, LY-80 और HQ-9 शामिल है. इनके अलावा पाकिस्तान ने छोटी दूरी के एयर डिफेंस सिस्टम भी खरीदे हैं.


S-300: यह रूस द्वारा निर्मित एक लंबी दूरी का एयर डिफेंस सिस्टम है जो बैलिस्टिक मिसाइलों और विमानों को निशाना बना सकता है.


LY-80: यह चीन द्वारा निर्मित एक मध्यम दूरी का एयर डिफेंस सिस्टम है.


HQ-9: यह भी चीन से खरीदी गई एक लंबी दूरी का एयर डिफेंस सिस्टम है. यह सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जिसे पाकिस्तान ने अपनी रक्षा प्रणाली में शामिल किया है. यह मिसाइल हवा से उच्च गति से आने वाले विमानों और बैलिस्टिक मिसाइलों को निशाना बना सकती है. हालांकि, इसके बावजूद, यह सिस्टम हर तरह के हमले से बचाव के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता, क्योंकि यह हर समय तैनात नहीं होता और इसे कई बार रिफाइंड करने की जरुरत होती है.


Pechora: रूस से खरीदी गई यह मिसाइल मध्यम दूरी की रक्षा प्रणाली है जो पुरानी हो चुकी है, लेकिन फिर भी इसे कुछ खास क्षेत्रों में तैनात किया गया है. हालांकि यह सिस्टम कुछ हद तक प्रभावी है, यह मिसाइलों और विमानों को पूरी तरह से रोकने में सक्षम नहीं है, खासकर अगर हमले तेजी से हो रहे हों.


NASAMS: नॉर्वे से खरीदी गई यह मिसाइल एक आधुनिक मध्यम-श्रेणी रक्षा प्रणाली है जिसे पाकिस्तान ने हाल ही में लिया है. NASAMS तेज गति से उड़ने वाली मिसाइलों और विमानों को नष्ट करने में सक्षम है. हालांकि, इसकी क्षमता सीमित है और यह केवल कुछ खास क्षेत्रों की सुरक्षा कर सकता है.


पाकिस्तान का राडार नेटवर्क


पाकिस्तान का एयरबोर्न राडार नेटवर्क खास है क्योंकि यह संभावित मिसाइलों और विमानों का समय रहते पता लगाने में मदद करता है. पाकिस्तान के पास कई सुपर राडार सिस्टम हैं, जो मिसाइलों और विमानों की गति, दिशा और स्थिति का सटीक अनुमान लगाते हैं. हालांकि, इन राडारों की भी कुछ सीमाएं हैं. मिसाइलों के लो अल्टीट्यूड पर आक्रमण करने की क्षमता और क्लॉडेड वातावरण में राडार द्वारा सही पहचान में मुश्किल हो सकती है.


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मिसाइल अटैक से बच सकता है पाकिस्तान?


पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम कुछ हद तक मिसाइल हमलों से सुरक्षा देता है, लेकिन हाइपरसोनिक मिसाइल, मल्टीपल अटैक और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध जैसी चुनौतियां इसके लिए पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हो सकतीं. पाकिस्तान के पास कुछ प्रभावी डिफेंस सिस्टम जरूर हैं, लेकिन वह पूरी तरह से मिसाइल हमलों से बचने के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवच नहीं प्रदान कर सकते. इस कारण, यदि एक बड़ा और उन्नत मिसाइल हमला होता है, तो पाकिस्तान को बचने के लिए अपनी सुरक्षा और डिफेंस सिस्टम को और भी मजबूत बनाने की जरूरत है.


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