भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते तनावपूर्ण रहते हैं. दोनों देशों के सैनिकों के बीच अक्सर मुठभेड़ हो जाती है. कई बार दोनों देशों के बीच स्थिति खराब हो जाती है और दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे के सामने खड़े हो जाते हैं. ऐसे में कई बार ये सवाल उठता है कि अगर कोई संघर्ष होता है तो भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान पाकिस्तानी सीमा तक कितनी देर में पहुंच पाएंगे. चलिए आज हम इस सवाल का जवाब जानते हैं.


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भारतीय वायुसेना के पास हैं ये लड़ाकू विमान


भारतीय वायु सेना दुनिया की सबसे शक्तिशाली वायु सेनाओं में से एक है. इसके पास अलग-अलग प्रकार के लड़ाकू विमान हैं, जिनमें सुखोई-30एमकेआई, मिराज-2000 और स्वदेशी रूप से विकसित तेजस शामिल हैं. ये विमान अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस हैं, जो उन्हें दुश्मन के क्षेत्र में तेजी से घुसपैठ करने और हमला करने की क्षमता प्रदान करते हैं.


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पाकिस्तान की सीमा तक कितनी देर में पहुंच सकते हैं फाइटर प्लेन?


पाकिस्तान सीमा तक भारतीय लड़ाकू विमानों के पहुंचने का समय कई कारकों पर निर्भर करता है, जिनमें कई तरह की चीजें शामिल हैं. जैसे अलग-अलग प्रकार के विमानों की गति और रेंज अलग-अलग होती है. उदाहरण के लिए, सुखोई-30एमकेआई मिराज-2000 की तुलना में अधिक तेजी से उड़ सकता है. इसके अलावा उड़ान का मार्ग भी पहुंचने के समय को प्रभावित करता है. सीधी रेखा में उड़ान भरना सबसे तेज तरीका है, लेकिन दुश्मन की हवाई रक्षा प्रणालियों से बचने के लिए विमान को घुमावदार मार्ग से उड़ान भरनी पड़ सकती है. इसके अलावा विमान की ईंधन की क्षमता यह निर्धारित करती है कि वह बिना ईंधन भरे कितनी दूर तक उड़ सकता है. आमतौर पर लड़ाकू विमान पाकिस्तानी बॉर्डर पर कुछ ही मिनटों में पहुंच सकते हैं.                                                                                                              


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