बचपन में जब हमें कभी खेलते वक्त चोट लग जाती थी तो हम उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते थे. घर में आकर कोई मलहम उस पर लगा देते थे और अगर ज्यादा दर्द हुआ तो पेन किलर खा लेते थे. आज भी बच्चों के साथ ऐसा ही है. मां बाप उन्हें डॉक्टर के पास तभी लेकर जाते हैं जब इंजरी बहुत ज्यादा बड़ी हो. लेकिन क्या ऐसा करना सही है. क्योंकि अमेरिका में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने सभी के होश उड़ा दिए हैं. अमेरिका में एक बच्चे के अंदर चोट के जरिए बैक्टीरिया घुस गया और यह बैक्टीरिया इतना घातक रहा कि उसने बच्चे के शरीर को अंदर से पूरी तरह से कुतर डाला... जिसकी वजह से बाद में उसकी मृत्यु हो गई.


क्या थी पूरी घटना


अमेरिका में 11 साल का एक बच्चा ट्रेडमिल पर दौड़ते हुए गिर जाता है, गिरने के बाद उसके टखने में चोट आती है. चोट वाली जगह पर पहले गहरे ब्राउन रंग का निशान बनता है और बाद में वह निशान बैंगनी और लाल रंग के निशान में तब्दील हो जाता है. जब इस बच्चे के पैरंट्स को समझ आता है कि चोट ज्यादा गंभीर है... वह उसे हॉस्पिटल लेकर जाते हैं. हॉस्पिटल में उसकी जांच होती है और पता चलता है कि उसके शरीर में एक अजीब सा संक्रमण हो गया है. उसे आनन-फानन में आईसीयू में भर्ती कराया जाता है. बाद में जब और जांच होती है तो पता चलता है कि चोट के जरिए उसके शरीर में एक मांस खाने वाला बैक्टीरिया चला गया है और उसने बच्चे के शरीर को भीतर से कुतरना शुरू कर दिया है. इसके बाद बच्चे के मस्तिष्क में सूजन आ जाती है और बाद में उसकी मौत हो जाती है.


भारत में भी हो चुकी है एक ऐसी मौत


इस खतरनाक बैक्टीरिया से जुड़ा यह पहला मामला नहीं था. भारत में भी इसी तरह की एक मौत कुछ वर्ष पहले हो चुकी है. कोलकाता की आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में इसी संक्रमण के चलते एक 44 साल के व्यक्ति की मौत हो गई थी. डॉक्टरों का कहना था कि इस व्यक्ति की मौत मांस खाने वाले बैक्टीरिया की वजह से हुई है. डॉक्टरों की भाषा में इसे नैक्रोटाइजिंग फासिसाइटिस कहा जाता है.


यह बैक्टीरिया कैसे हमला करता है


डॉक्टरों के मुताबिक शरीर के अंदर के मांस को खाने वाला यह अजीब अजीब बैक्टीरिया त्वचा और उसके नीचे के ऊतकों को गंभीर रूप से संक्रमित कर देता है. यह बहुत तेजी से फैलता है और अगर समय पर इसका सही सही इलाज न किया जाए तो यह किसी भी इंसान को मार सकता है. नैक्रोटाइजिंग फासिसाइटिस सीधे रक्त वाहिकाओं पर हमला करता है और यह हमला इतना खतरनाक होता है कि इसकी वजह से शरीर में होने वाली रक्त आपूर्ति पूरी तरह से रुक जाती है. अकेले अमेरिका में हर साल औसतन 600 से 700 मरीज इस अजीब बैक्टीरिया के हमले का शिकार होकर अस्पतालों में उपचार के लिए आते हैं. इनमें से 25 से 30 फ़ीसदी लोगों की मौत हो जाती है. इसलिए अगर आपके परिवार में किसी को इस तरह की चोट लगे और उसकी स्थिति बिगड़ रही हो तो उसे तुरंत हॉस्पिटल ले जाएं और उसकी जांच कराएं.


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