स्पेस की दुनिया रहस्यों से भरी दुनिया है. स्पेस को समझने के लिए लेकर भारत समेत दुनियाभर की स्पेस एजेंसी काम कर रही है. आज इंसान चांद पर पहुंच चुका है, लेकिन चांद पर ऐसे बहुत सारे रहस्य हैं, जिसको वैज्ञानिक अभी तक सुलझा नहीं पाए हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर कोई इंसान चांद पर रहकर तीर चलाएगा, तो वो तीर ऊपर की तरफ जाएगा या फिर सीधे जाएगा. आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताएंगे.


पृथ्वी से चांद की दूरी 


अब पहले ये समझते हैं कि चांद से अगर चांद का हिस्सा या कोई सामान नीचे पृथ्वी पर गिरता है, तो वो कब तक पहुंचेगा. बता दें कि ऐसा होना संभव कम है, अगर ऐसा होता है  तो यह एक बेहद दुर्लभ और विनाशकारी घटना होगी. इस तरह की घटनाओं की संभावना कम है, लेकिन विज्ञान के आधार पर इसका विश्लेषण जरूर किया जा सकता है. दरअसल चांद पृथ्वी से लगभग 384,400 किलोमीटर दूर है. ऐसे में अगर चांद का कोई टुकड़ा टूट या कोई सामान पृथ्वी की ओर आने लगता है, तो उस टुकड़े की गति और यात्रा का समय मुख्य रूप से कई कारकों पर निर्भर करता है. 


ये भी पढ़ें: ट्रेन में तो आपने सफर किया ही होगा? लेकिन क्या आप जानते हैं कि रेलवे ट्रैक पर क्यों होते हैं पत्थर


गुरुत्वाकर्षण और वेग 


चंद्रमा की कक्षा में कोई भी वस्तु तब तक स्थिर रहती है, जब तक कि कोई बाहरी बल उस पर प्रभाव नहीं डालता है. हालांकि अगर चांद का कोई टुकड़ा टूटता है और पृथ्वी की ओर बढ़ने लगता है, तो यह पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण के कारण तेजी से आकर्षित होने लगेगा. इस प्रक्रिया को और आसान भाषा में समझने के लिए, हमें यह जानना होगा कि चंद्रमा की कक्षा में कोई भी वस्तु जब पृथ्वी की ओर गिरती है, तो वह लगातार गति प्राप्त करती है.


अब सवाल ये है कि चंद्रमा की कक्षा में अगर कोई व्यक्ति व्यक्ति चीर चलाएगा, तो वो तीर ऊपर या नीचे या किस दिशा में जाएगा? बता दें कि चांद से अगर कोई व्यक्ति तीर चलाएगा, तो वो तीर किसी भी जगह नहीं जाएगा, बल्कि वहीं पर स्थिर हो जाएगा. जब तक उसके ऊपर दोबार से कोई बाहरी बल नहीं लगाया जाएगा. आसान भाषा में समझिए कि चंद्रमा की कक्षा में हर वस्तु स्थिर हो जाती है, जब तक उसके ऊपर बल नहीं लगाया जाता है. 


ये भी पढ़ें:पक्षियों में कबूतर होता है सबसे समझदार, जानिए इसे क्यों कहते थे संदेश वाहक


चांद से धरती पर किसी सामान को गिरने में कितना समय


नासा की एक रिपोर्ट के मुताबिक अंतरिक्ष से गिरने वाली वस्तुएं आमतौर पर 11 किलोमीटर प्रति सेकंड यानी लगभग 40,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गिरती हैं. चूंकि, चांद की कक्षा पृथ्वी से दूर है तो चंद्रमा के टूटे हुए टुकड़े को पृथ्वी की सतह तक पहुंचने में अधिकतम कुछ घंटों का ही समय लगेगा. इसे और आसान भाषा में समझें तोअगर चांद का टुकड़ा 40,000 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पृथ्वी की ओर बढ़ता है, तो उसे 384,400 किलोमीटर की दूरी तय करने में लगभग 9.5 घंटे लगेंगे.


ये भी पढ़ें: किस कंपनी की एयर होस्टेस को मिलती है सबसे ज्यादा सैलरी? नहीं जानते होंगे आप