बीते कुछ महीनों में कई ट्रेन हादसे हुए हैं. कुछ ट्रेन हादसों में यात्रियों की मौत भी हुई है. ऐसी परिस्थितियों में अक्सर सरकार और रेलवे विभाग मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का ऐलान करती है. अब सवाल उठता है कि अगर कोई व्यक्ति बिना टिकट ट्रेन में यात्रा कर रहा है और ट्रेन एक्सीडेंट में यात्री की मौत हो जाती है तो क्या उसके परिवार वालों को भी मुआवजा मिलेगा. चलिए आपको बताते हैं कि इस संबंध में नियम कानून क्या कहते हैं.


पहले देश के बड़े ट्रेन हादसों के बारे में जानिए


इस साल की शुरुआत में ही यानी जनवरी 2024 में ही कर्नाटक के पास बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस एक मालगाड़ी से टकरा गई. इस हादसे में करीब 50 लोग घायल हुए और 15 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. इसके बाद आता है बालासोर ट्रेन हादसा. 2 जून 2023 को ओडिशा के बालासोर जिले में एक बड़ा ट्रेन हादसा हुआ. इस हादसे में कोरोमंडल एक्सप्रेस, यसवंतपुर-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की टक्कर हो गई.


इस हादसे में करीब 300 से अधिक लोगों की जान चली गई और 1000 से अधिक लोग घायल हो गए. वहीं साल 2022 में मुंबई-हावड़ा लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस की तीन बोगियां पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के पास पटरी से उतर गईं. इस हादसे में कई यात्री घायल हो गए थे. इसके अलावा भी देश में कई बड़े रेल हादसे हुए हैं, जिनमें हजारों लोगों की मौत हुई है.


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बिना टिकट यात्रा और मुआवजे का नियम


रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल, अक्सर रेल हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को मिलने वाले मुआवजे में जब कोई दिक्कत आती है तो यहीं सुनवाई होती है. साल 2014 में दीपक ठाकरे नाम के एक व्यक्ति की चलती ट्रेन से फिसल कर गिरने पर मौत हो गई थी. मौत के बाद, जब परिवार ने रेलवे से मुआवजे की मांग की तो रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल (RCT) ने ये कहते हुए मुआवजा देने से मना कर दिया कि मृतक दीपक ठाकरे के पास यात्रा का टिकट नहीं था.


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परिवार ने इसका विरोध किया और मामला बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंच गया. हालांकि, बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी इस मामले में आरसीटी के फैसले को बरकरार रखा कहा कि बिना टिकट यात्री को रेलवे मुआवजा नहीं देगा. यानी ये बात साफ है कि अगर किसी ट्रेन हादसे के दौरान आपके पास टिकट नहीं है तो आप रेलवे द्वारा दिए जाने वाले मुआवजे के हकदार नहीं हैं.


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