IMD ने जारी किया हीटवेव का बड़ा अलर्ट, जानें कैसे पता चलता है पड़ने वाली है भयंकर गर्मी
Heatwave Alert: मौसम विभाग ने हाल ही में हीटवेव का अलर्ट जारी किया है और बताया है कि किन राज्यों में भयानक गर्मी पड़ने वाली है. ऐसे में यह जानते हैं कि आखिर अलर्ट किस तरीके से किया जाता है.

गर्मी ने सितम ढाने का सिलसिला चालू कर दिया है. उत्तर भारत में कुछ दिनों पहले आई आंधी-पानी की वजह से मौसम थोड़ा अच्छा हुआ था, लेकिन अब फिर से मौसम ने करवट बदल ली है और हाल ही में IMD ने चेतावनी जारी की थी और गुजरात, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हीटवेव की संभावना जताई है. इससे तापमान 3-5 डिग्री बढ़ सकता है. वहीं कुछ राज्यों में बारिश और ओले गिरने की भी संभावना जताई गई है. वहीं दिल्ली-NCR वालों के लिए भीषण गर्मी फिर से सितम ढाएगी और तापमान 40 डिग्री के पार पहुंचने की पूरी उम्मीद है. इसी क्रम में आज आपको बताते हैं कि आखिर भयंकर गर्मी के बारे में पता कैसे चलता है.
फिर तपने वाली है दिल्ली
मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली में 15 सालों में दूसरी बार ऐसा होने जा रहा है कि अप्रैल से ही लोगों को लू का सामना करना पड़ेगा. दिल्ली में ऐसा साल 2011 में देखने को मिला था, इसके बाद 2022 में भी अप्रैल में लू चली थी. इस बार भी दिल्ली का मौसम ऐसा ही रहने वाला है. मौसम में उलटफेर का सिलसिला भी चलता रहेगा. चलिए अब यह जान लेते हैं कि मौसम विभाग को कैसे भयंकर गर्मी का पता चलता है.
कैसे होता है भयंकर गर्मी का अलर्ट
मौसम के पूर्वानुमान का कनेक्शन सीधा खेती से होता है. मौसम की मार सबसे ज्यादा खेती पर ही पड़ती है. अगर मौसम अच्छा हुआ तो फसल अच्छी होगी, नहीं तो किसानों को नुकसान झेलना पड़ता है. ऐसे में किसानों के लिए मौसम का पूर्वानुमान बहुत लाभदायक होता है. मौसम और भयंकर गर्मी का पूर्वानुमान कैसे लगाया जाता है. इसका अनुमान हीट इंडेक्स और हीट वेव अलर्ट के जरिए लगाया जाता है. अगर तापमान 4.5 डिग्री या ज्यादा हो और अधिकतम तापमान 40 डिग्री तक पहुंच जाने पर हीटवेव का अलर्ट जारी होता है.
इन बातों पर भी निर्भर करता है तापमान
हीट इंडेक्स बढ़े हुए तापमान और आद्रता को मिलाकर यह बताने की कोशिश करता है कि आखिर कितनी गर्मी महसूस हो रही है. अगर 35 डिग्री तापमान और 60% आद्रता है तो हीट इंडेक्स 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो सकता है. वहीं किसी क्षेत्र विशेष का तापमान बारिश, बादलों की स्थिति, धूप, आद्रता जैसे तत्वों पर निर्भर रहता है.
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