शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, ये बात हम सभी लोग जानते हैं. ज्यादा शराब पीने से लिवर भी जल्दी खराब हो जाता है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर शराब का ज्यादा असर लिवर पर ही क्यों पड़ता है. इसके अलावा ज्यादा शराब पीने से कितने दिनों में लिवर डैमेज हो सकता है. आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.  


लिवर जरूरी ऑर्गन 


गौरतलब है कि लिवर हमारे शरीर का सबसे जरूरी ऑर्गन है, इसके खराब होने पर शरीर में कई तरह की दिक्कत होनी शुरू हो जाती हैं. अगर यह खराब हुआ तो फिर कई तरह की गंभीर बीमारी आपके शरीर में एंट्री करने लगेगी. इसलिए लीवर का ठीक रहना बहुत जरूरी है.


लिवर डैमेज


बता दें कि जो व्यक्ति हर रोज शराब पीते हैं, उन्हें फैटी लिवर की समस्या बढ़ जाती है. भारत और उसके आसपास वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को इस बीमारी का ज्यादा खतरा है. हालांकि कई लोग सोचते हैं कि हम तो कम शराब पीते हैं, हमें कुछ नहीं होगा, उन्हें बता दें कि शराब ऐसी खतरनाक चीज है कि वह सबसे पहले लिवर पर असर करती है. इसके अलावा शराब शरीर में गेस्टिक एसिड पैदा कर सकती है. 


लिवर का काम 


'वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन' के मुताबिक शराब पेट में जाते ही सबसे पहले गैस्ट्रिक एसिड बनाता है. जो पेट के म्यूकस लाइन में स्वेलिंग पैदा करती है. जिसके बाद आंत शराब को सोख लेती है. फिर ये विंग के जरिए लिवर तक पहुंचता है. पेट से सीधा शराब लिवर में पहुंच जाता है. लिवर अपने तरफ से शराब को नष्ट कर देता है ताकि वह शरीर पर खराब असर ना करें, लेकिन जिन तत्वों को लिवर नष्ट नहीं कर पाता है वह सीधा दिमाग तक पहुंच जाता है. बता दें कि लिवर शरीर की गंदगी को डिटॉक्सीफाई करने का काम करता है. लेकिन अगर हर रोज शरीर में शराब जाएगी, तो यह लिवर को डायरेक्ट नुकसान पहुंचा सकती है. क्योंकि धीरे-धीरे लिवर की डिटॉक्सीफाई करने की क्षमता घट जाती है. जिसके बाद लिवर में फैट जमने लगता है. इसके बाद फैटी लिवर, फिर लिवर सिरोसिस और सबसे आखिर में लिवर कैंसर या लिवर फेल होने का व्यक्ति शिकार हो जाते हैं.  



लिवर खराब होने के संकेत


पेट में दर्द और भूख ना लगना


फैटी लिवर रोग का एक सामान्य संकेत पेट में दर्द, बेचैनी या पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में सूजन ये पेट फूलने जैसा अहसास होता. बहुत ज्यादा शराब के सेवन से लिवर में सूजन हो सकती है, जो लगातार शराब के सेवन से बढ़ती रहेगी. इससे अल्कोहलिक हेपेटाइटिस हो सकता है, जो भूख ना लगने के संकेत के रूप में प्रकट हो सकता है


थकान और दस्त


लिवर में एक्स्ट्रा फैट से सूजन हो सकती है. जो प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स को बढ़ावा दे सकती है. ये साइटोकिन्स थकान जैसा महसूस करा सकती है. इसके अलावा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ यूएस के मुताबिक सिरोसिस में छोटी आंत के इंफेक्शन में देरी से छोटे जीवाणु बढ़ सकते हैं, जो दस्त का कारण बन सकते हैं. इसके अलावा खून की उल्टी, पैरों में सूजन,हाई टेंपरेचर और कंपकंपी ये सब भी लिवर खराब होने के लक्षण हैं. इन लक्षणों को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.


 


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