Sleep Facts: दौड़ भाग से भरी जिंदगी में हम ऐसे बहुत से काम करते है जिससे हमारा शरीर बहुत ज्यादा थक जाता है. बॉडी को रिलैक्स करने के लिए सोना बेहद जरूरी हो जाता है. नॉर्मली 6 से 8 घंटे की नींद जरूरी होती है लेकिन कुछ लोग समय के महत्व को ध्यान में रखते हुए 4 से 5 घण्टे की नींद लेते हैं तो कुछ लोग नींद को प्रीयोरिटी देते हुए 10 से 12 घण्टे तक सोते हैं. जब कोई देर तक और गहरी नींद मे सोता है तो उसको कुम्भकर्ण का टाइटल दे दिया जाता है जो 6 माह तक सोता था और किसी के जगाने पर भी नहीं उठता था.


क्या कुंभकर्ण की तरह आज भी कोई व्यक्ति कई कई महीनों तक के लिए सोता होगा? जी हां, यह दावा किया जा सकता है क्योंकि एक गांव ऐसा है, जहां रहने वाला हर व्‍यक्ति एक बार सोता है तो कई-कई महीने तक सोता ही रहता है..! आइए, आपको इस अनोखे गांव और वहां के अनोखे लोगों के बारे में विस्तार से बताते हैं. 


गांव का नाम 


कजाकिस्‍तान में स्थित एक गांव के लोग कई-कई महीनों तक सोते रहते हैं. कजाकिस्‍तान के इस गांव का नाम कलाची गांव है. इस गांव मे हर व्‍यक्ति कम से कम एक महीने तक के लिए सोता है. इस गांव को 'स्‍लीपी हॉलो' भी कहा जाता है. इस अनोखे गांव में कुछ अनोखे लोगों का ऐसा हाल है कि अगर वे सो गए तो आप कितनी भी कोशिश कर ले, वे नहीं जागेंगे. यहां तक कि उनके पास बम भी फूट जाए या तेज साउंड मे डी जे भी बजा दिया जाए तो भी उनकी नींद नहीं टूटेगी.


रिसर्च में सामने आया महीनों तक सोने का कारण


वैज्ञानिकों की रिसर्च के मुताबिक, इस समस्‍या का मुख्य कारण गांव का प्रदूषित पानी ही है. वैज्ञानिकों ने तरह तरह के मेडिकल टेस्ट किए और उसके बाद उन्हें पता चला कि गांव के पानी में कार्बन मोनो-ऑक्साइड है. गांव के पानी में कार्बन मोनो-ऑक्साइड पास मे बनी यूरेनियम खदान से आया है. यही कारण है कि कलाची के लोग कई-कई महीनों तक सोते रहते हैं. कलाची के लोग लंबी और गहरी नींद को पसंद नहीं करते हैं बल्कि वे अत्यधिक सोने की वजह से काफी परेशान हैं. क्योंकि अगर कोई व्‍यक्ति सड़क के बीच में सो गया तो फिर कई महीनों तक वहीं पड़ा सोता रहता है. 


जागने के बाद लोगों को क्‍या अहसास होता है?


कजाकिस्‍तान के कलाची गांव के कुछ लोगों के अनुसार, नींद से जागने के बाद उन्हें पता नहीं रहता है कि वो कैसे और कितने समय से सो रहे थे. कलाची गांव के लोगों का कहना है कि लंबी और गहरी नींद में सोने पर उनका दिमाग सुन्‍न हो जाता है और वे सपनों की दुनिया में चले जाते हैं.a


पहली बार कब पता चला इस समस्या का? 


कलाची गांव में हमेशा से ही लोग इतने लंबे समय के लिए नहीं सोते थे. असल मे, 2010 में एक स्‍कूल के कुछ स्‍टूडेंट्स क्लासरूम में सो गए थे और वे स्‍टूडेंट्स लगातार कई दिन तक सोते रहे. स्कूल मैनेजमेंट और टीचर्स ने उन्हें जगाने की बहुत कोशिश की, लेकिन उनमें से एक भी स्टूडेंट नींद से नहीं जागा था. धीरे-धीरे गांव के 14% लोगों ने इस परेशानी का अहसास किया.


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