जलाना या दफनाना नहीं चाहते अपने प्रियजन का शव तो अपना सकते हैं ये छह तरीके, कई देशों में हो रहा इनका इस्तेमाल
अब सिर्फ जलाना और दफनाना ही अब अंतिम संस्कार की प्रकिया में शामिल नहीं हैं. इसके अलावा अब और भी कई तरीके आजमाए जा रहे है. अगर अब कोई इन तरीको के अलावा और किसी तरीके से अंतिम संस्कार करना चाहता है
जैसे-जैसे दुनिया आधुनिकता की ओर बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे पूरी दुनिया में पर्यावरण को लेकर जागरूकता बढ़ी है. लोगों के बीच अंतिम संस्कार का तरीका भी बदला है. अब सिर्फ जलाना और दफनाना ही अब अंतिम संस्कार की प्रकिया में शामिल नहीं हैं. इसके अलावा अब और भी कई तरीके आजमाए जा रहे है. अगर अब कोई इन तरीको के अलावा और किसी तरीके से अंतिम संस्कार करना चाहता है तो भी कर सकता है.
अंतिम संस्कार के दुनिया में 6 और तरीके हैं
एक्वामेशन
किसी शव को जलाने या दफनाने की जगह अब उसे डिकंपोज किया जाने लगा है. इन्हीं तरीकों में एक तरीका एक्वामेशन का है जिसमें पानी में शरीर को डालकर डिकंपोज किया जाता है. इसे वाटर क्रिमेशन भी कहा जाता है। ये पानी में अंतिम संस्कार करने का एक तरीका है.
टेरामेशन
इस प्रक्रिया में शरीर को मिट्टी बना दिया जाता है. सबसे पहले मृत शरीर को बक्से में रखा जाता है. अगर शरीर में कोई बाहरी इक्विपमेंट जो मेडिकल कंडीशन के चलते लगे हो उसे निकाल दिया जाता है. इसके बाद लकड़ी के छोटे-छोटे टुकड़ों के साथ जलाने के और सामान रख दिए जाते हैं. इसके बाद गर्म हवा डीकंपोजिशन काफी तेजी से कर देती है 30 दिन के अंदर हड्डियों से लेकर दांत सब मिट्टी में तब्दील हो जाता है.
क्रायोमेशन
अंतिम संस्कार की यह प्रक्रिया सबसे महंगी प्रक्रिया मानी जाती है इसमें लगभग एक करोड़ 64 लख रुपए खर्च होते हैं. इस प्रक्रिया में डेड बॉडी को फ्रिज किया जाता है शरीर को माइंस 192 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा किया जाता है. इसके लिए लिक्विड नाइट्रोजन का इस्तेमाल होता है. इसके बाद शरीर के बेहद छोटे-छोटे टुकड़े कर दिए जाते हैं इतने छोटे की पाउडर जैसे दिखते हैं. अंत में इस परिवार को सौंप दिया जाता है
प्लास्टिनेशन
अंतिम संस्कार की इस प्रक्रिया में बॉडी को प्रिजर्व किया जाता है . साल 1977 में ह्यूमन बॉडी पर रिसर्च करने वाले जर्मन साइंटिस्ट गुंथर वॉन हेगेंस इस प्रक्रिया का इजाद किया था. इस प्रक्रिया में सबसे पहले शरीर को सड़ाने वाले बैक्टीरिया को फॉर्मेल्डिहाइड-बेस्ड सॉल्यूशन लगाया जाता है. इसके बाद डेड बाॅडी पर मौजूद पानी को हटाने के लिए ऑर्गेनिक कंपाउंड में डुबाया जाता है. इसके बाद लिक्विड पॉलिमर के कंटेनर में डाल दिया जाता है. आखिर में बॉडी पर लगे पॉलिमर को टाइट करने के लिए डेड बाॅडी को हीट दी जाती है या फिर धूप में कुछ समय के लिए रख दिया जाता है.
झाटोर अंतिम संस्कार क्रिया
अंतिम संस्कार का यह तरीका दुनिया में सबसे अनोखा तरीका है. इसमें डेड बॉडी को पहले श्मशान लाया जाता है. शमशान काफी ऊंचाई पर होता है. इसके बाद पूजा की जाती है धूप बत्ती जलाकर और फिर वही डेड बॉडी को डिकंपोज होने के लिए छोड़ दिया जाता है. इस दौरान कई सारे पक्षी आकर डेड बॉडी को खा लेते हैं. बता दें कि पारसी समुदाय में इसी तरह अंतिम संस्कार किया जाता है.
बरियल एट सी
दुनिया में अंतिम संस्कार का यह तरीका भी आजकल काफी आजमाया जा रहा है. जैसा इसका नाम है बरियल एट सी जिसका मतलब समुद्र में अंतिम संस्कार. वही इसकी प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया में डेड बॉडी को एक ताबूत में रखकर समुद्र में फेंक दिया जाता है. एशिया में फिलहाल यह तरीका काम आज में आ जाता है यूरोप और अमेरिका देश में इसका काफी चलन बढ़ गया है.
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