हर व्यक्ति अपनी जरुरत के हिसाब से कार खरीदता है. जिनमें कुछ लोग 7 सीटर तो वहीं कुछ 5 सीटर कार लेते हैं, जिसमें एक सीट ड्राइवर की होती है. ऐसे में आपने एक बात अक्सर नोटिस की होगी कि कई देशों में ड्राइवर की सीट बाईं ओर होता है, लेकिन हमारे देश में बनने वाली कारों में स्टेयरिंग दाईं ओर होता है. दरअसल ये ड्राइवर की सहूलियत के लिए किया जाता है, लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर अमेरिका जैसे कुछ देशों में गाड़ियां दाईं ओर तो हमारे देश भारत में वो बाईं ओर क्यों चलती हैं. चलिए आज हम इसके पीछे की वजह जानते हैं.


ब्रिटिश राज में बनाया गया था नियम


पुराने जमाने में कार नहीं हुआ करती थीं, उस समय लोग घोड़ा गाड़ी पर सवार हुआ करते थे. ऐसे में उस वक्त सड़क के बाईं ओर चलना बेहद आम बात हुआ करती थी, दरअसल उस जमाने में बाईं ओर चलना बेहद आम बात हुआ करती थी. ये नियम इसलिए था क्योंकि ज्यादातर लोग बाएं हाथ का इस्तेमाल किया करते थे.


वहीं जब 19वी शताब्दी के आखिरी में कार आई तब भी लोग इसी नियम का पालन करते रहे. हालांकि बहुत से देशों में सड़कों पर कारों की पकड़ होने के बाद उन्हें दाईं ओर चलाने का नियम हो गया. ये वो देश थे जो ब्रिटिश साम्राज्या का हिस्सा हुआ करते थे. आजादी से पहले भारत में भी अंग्रेजों का राज हुआ करता था. उन्होंने भी आजादी से पहले सड़का पर बाईं ओर चलने का नियम बनाया. तभी से भारत में वाहनों के बाईं ओर चलने का नियम फॉलो किया जा रहा है. इसी को देखते हुए भारत में कारों में ड्राइवर सीट और स्टेरिंग भी रखे जाते हैं.


किस ओर चलना होता है ज्यादा सुरक्षित?


अब सवाल ये उठता है कि कई देशों में दाईं तो वहीं कई देशों में बाईं ओर कार चलती है. तो फिर किस ओर चलना ज्यादा सुरक्षित होता हैविश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, जिन देशों में सड़क के दायीं तरफ ड्राइव करने का नियम है, उनकी सड़क यातायात मृत्यु दर बाईं तरफ ड्राइव करने वाले देशों की तुलना में काफी कम है. इसके अलावा एक अध्ययन में भी ये खुलासा हुआ है कि सड़क के दायीं ओर ड्राइविंग करने से सड़क यातायात दुर्घटनाओं में 40% तक की कमी आती है.     


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