हमारे देश में आत्महत्या करना अपराध है, लेकिन दुनिया के ऐसे कई देश हैं जहां आत्महत्या को कानूनी अपराध की श्रेणी से बाहर रखा गया है. वहीं एक देश ऐसा भी है जहां महज 20 डॉलर देकर कोई भी आत्महत्या कर सकता है. दरअसल हम स्विजरलैंड की बात कर रहे हैं. तो चलिए स्विजरलैंड में शुरु होने वाली इस सुविधा और बाकि देशों में सुसाइड को लेकर बने कानून के बारे में जानते हैं.
स्विजरलैंड में लोग 20 डॉलर देकर सकते हैं आत्महत्या
दरअसल स्विजरलैंड सुसाइड पोड नाम से सुविधा शुरु करने वाला पहला देश बनने वाला है. जानकारी के मुताबिक, सरको एक 3डी-प्रिंटेड पोर्टेबल सुसाइड पॉड है, जिसका इस्तेमाल आने वाले कुछ महीनों में स्विट्जरलैंड में शुरू होने वाला है. इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, ये फ्यूचर का कैप्सूल, जिसे 2019 में विवादों के बीच पेश किया गया था. ये सुसाइड पॉड किसी व्यक्ति को बिना किसी मेडिकल जांच या देखरेख के आत्महत्या करने में सक्षम बनाता है.
दरअसल इसमें एक पॉड चेंबर का इस्तेमाल किया जाएगा. ये पॉड का चैंबर नाइट्रोजन से भरा होता है. इसके अंदर एक बटन होती है, जिसे दबाने पर ऑक्सीजन का लेवल तेजी से कम हो जाता है, इसके बाद व्यक्ति बेहोश हो जाता है और लगभग 10 मिनट के अंदर वो दमतोड़ देता है. स्विट्जरलैंड ने 1940 के दशक से ही सहायक आत्महत्या की परमिशन दी है, बस शर्त ये होती है कि सहायता करने वाले व्यक्ति की मौत में कोई फायदा न हो.
दुनिया के 20 देशों में आत्महत्या अब भी है अपराध
बता दें कि दुनिया के 20 देश ऐसे हैं जहां आत्महत्या अब भी अपराध है, जिनमें कुछ देश ऐसे भी हैं जहां आत्महत्या करने पर दंडित भी किया जाता है. कई देशों में इसके लिए जुर्माना से लेकर एक से तीन साल की कैद तक की सजा हो सकती है. बहामास, बांग्लादेश, गुयाना और केन्या आत्महत्या करने वाले व्यक्ति की वसीयत को अदालत में चुनौती देने और उसे निरस्त करने की परमिशन होती है. बता दें दुनिया में हर साल 7,00,000 लोग आत्महत्या करते हैं. हर 100 में से एक मौत आत्महत्या के कारण होती है.
इन देशों में इच्छामृत्यु का प्रावधान
कई देश ऐसे भी हैं जहां इच्छामृत्यु का प्रावधान है. इन देशों की सूचि में अमेरिका का नाम भी आता है. यहां सक्रिय इच्छा मृत्यु ग़ैर-क़ानूनी है, लेकिन ओरेगन, वॉशिंगटन और मोंटाना राज्यों में डॉक्टर की सलाह और उसकी मदद से ‘इच्छामृत्यु’ की इजाज़त है. वहीं नीदरलैंड भी उन देशों में शामिल है जहां यहां डॉक्टरों के हाथों सक्रिय इच्छामृत्यु और मरीज की मर्ज़ी से दी जाने वाली मृत्यु पर दंडनीय अपराध नहीं है. इसके अलावा बेल्जियम में भी इच्छामृत्यु अपराध नहीं है. यहां सितंबर 2002 से इच्छामृत्यु वैधानिक हो चुकी है.
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