इस देश में एक या दो नहीं बल्कि होते हैं 72 मौसम, तेजी से बदलते हैं करवट
हमारे देश भारत में बसंत, बरसात, शरद, हमंत, गर्मी और शिशिर जैसे 6 मौसम माने जाते हैं, लेकिन आप एक ऐसे देश के बारे में जानते हैं जहां एक या दो नहीं बल्कि 72 मौसम होते हैं.
![इस देश में एक या दो नहीं बल्कि होते हैं 72 मौसम, तेजी से बदलते हैं करवट In this country there are not one or two but 72 seasons they change rapidly इस देश में एक या दो नहीं बल्कि होते हैं 72 मौसम, तेजी से बदलते हैं करवट](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/05/da055be0f13987fc768088193967af2a1712294833442742_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
दुनियाभर के ज्यादातर देशों में 4 मौसम माने जाते हैं. यदि हम अपने देश की बात करें तो भारत में मौसम की संख्या 6 है. वहीं पड़ोसी देश चीन में मौसमों की संख्या 22 है, लेकिन क्या आपको जानकर हैरानी होगी कि एक देश ऐसा भी है जहां मौसमों की संख्या एक या दो नहीं बल्कि 72 है. इस देश में कुछ ही समय में मौसम करवट ले लेता है.
इस देश में होती हैं सबसे ज्यादा ऋतुएं
हम जिस देश की बात कर रहे हैं उसका नाम जापान है. जापान जहां दुनियाभर में अपने टेक्नोलॉजी, साफ सफाई और व्यवस्था के लिए जाना जाता है. वहीं दूसरी ओर ये देश बदलते मौसम के लिए भी जाना जाता है.
बता दें कि सामान्य तौर पर जापान में 4 ही मौसम होते हैं. जो सर्दी, गर्मी, बरसात और बसंत है, लेकिन फिर भी इन चार मौसमों में शामिल हर मौसम को यहां 6 हिस्सों में बांट दिया जाता है. इस तरह हर मौसम में 24 सेक्की बनते है. जिनमें से हर सेक्की 15 दिन लंबा होता है. इस तरह इन सेक्की को 3 'को' में बांट दिया जाता है. इस तरह जापान में कुल 72 'को' बनते हैं. को का मतलब माइक्रोसीजन से है जो 5 दिन का होता है.
किन्हें प्रदर्शित करतेे हैं जापान के माइक्रोसीजन
जापान केे माइक्रोसीजन गेहूं पकने, अंकुर फूटने, फसल लगाने, फूल खिलने जैसी प्राकृतिक घटनाओं को प्रदर्शित करते हैं. अब सवाल ये खड़ा होता है कि जापान में इतनी ऋतुएं बनी कैसे? तो बता दें कि छठी सदी में जापान की ये छोटी-छोटी ऋतुएं मध्य कोरिया से ली गई थीं. वहीं, इनके नामों को उत्तरी चीन की जलवायु से लिया गया था. जिसे 1685 में खगोलशास्त्री शिबुकावा शुनकाई ने जापान की जलवायु के रूप में ढाल लिया था. हालांकि मॉडलाइजेशन को देखते हुए सरकार ने इस 72 ऋतुओं वाले पारंपरिक कैलेंडर को ग्रेगोरियन कैलेंडर में बदल दिया था. हालांकि अब भी जापान के कुछ ग्रामीण किसान और मछुआरे इस पारंपरिक कैलेंडर को ही मानते हैं.
यह भी पढ़ें: क्या होता है वीआईपी कैदियों के लिए जेल के नियम, क्या उन्हें मिलती हैं अलग से सुविधाएं
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)