यदि आप भारत में रहते हैं और हिंदू धर्म के तहत दो शादियां करना चाहते हैं तो आप ये नहीं कर सकते. हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के तहत भारत में दो शादियां करने का प्रावधान नहीं है. ऐसे में यदि हम आपको भारत के ही एक ऐसे राज्य के बारे में बताएं जहां हिंदू धर्म के तहत कोई व्यक्ति दो शादियां भी कर सकता है वो भी कानूनी मान्यता के तहत. चलिए आज जानते हैं कि आख़िर ये संभव कैसे है.


भारत के इस राज्य में हिंदू कर सकते हैं दो शादी


हम भारत के ही राज्य गोवा की बात कर रहे हैं. जब गोवा में पुर्तगाल शासन था, उस समय वहां पुर्तगाल सिविल कोड लागू किया गया था. बात साल 1867 की है. उस समय तक भारत में ब्रिटिश राज में भी सिविल कोड नहीं बनाया गया था. पुर्तगाल सरकार ने गोवा उपनिवेश के लिए ये कानून बनाया था. उस समय गोवा में दो धर्म के लोग ईसाई और हिंदू ज्यादा थे.


उस समय गोवा में हिंदुओं में एक से अधिक शादियां करने का रिवाज था. हालांकि जब भारत में समान नागरिक संहिता कानून लागू हुआ तब सभी इसके दायरे में आए, सिवाय गोवा में पैदा हुए लोगों को छोड़कर. दरअसल इस क़ानून के तहत हिंदू धर्म में सभी लोगों को एक शादी की ही इजाज़त मिली, लेकिन इस क़ानून में कुछ शर्तों के साथ सिर्फ़ गोवा में पैदा हुए लोगों को एक पत्नी के रहते दूसरी शादी करने की इजाज़त देता है. ये कानून अब भी गोवा में उसी तरह लागू है.


गोवा की आजादी के बाद भी अपनाया गया ये कानून


दरअसल जब गोवा आजाद हुआ तो नए राज्य में उसी सिविल कोड को अपना लिया गया तो पुर्तगालियों के शासन से वहां लागू था. ये हिंदुओं को कुछ शर्तों के तहत बहुविवाह की अनुमति देता है. जिसकी पहली शर्त ये है कि 25 साल की उम्र तक अगर पत्नी से कोई संतान नहीं हो तो पति दूसरी शादी कर सकता है. वहीं दूसरी शर्त के अनुसार, 30 साल की उम्र तक भी यदि पत्नी पुत्र को जन्म नहीं दे पाती तो भी पति दूसरी शादी कर सकता है.


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