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असाइलम और रिफ्यूजी में क्या अंतर, किस कैटेगरी में आएंगी शेख हसीना

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को भारत ने शरण दी है. लेकिन आने वाले समय में शेख हसीना ब्रिटेन में शरण लेना चाहती हैं, अब सवाल ये है कि शेख हसीना को ब्रिटेन किस कैटेगरी में जगह शरण देगा.

बांग्लादेश में अभी तक हिंसा थमी नहीं है. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना बीते सोमवार को इस्तीफा देकर अपना देश छोड़कर भारत आ गई हैं. भारत सरकार ने उन्हें शरण दिया है और सुरक्षा प्रदान की है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक शेख हसीना ब्रिटेन में शरण लेना चाहती हैं. अब सवाल ये है कि ब्रिटेन की सरकार शेख हसीना को रिफ्यूजी के तौर पर जगह देगी या असाइलम के तौर पर रहने देगी. आज हम आपको बताएंगे कि रिफ्यूजी और असाइलम में क्या अंतर होता है. 

बांग्लादेश 

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद भी बांग्लादेश के तमाम इलाकों में उपद्रवियों ने आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं को रोका नहीं है. अभी बांग्लादेश में कर्फ्यू लागू है और सेना ने अपने हाथ में सारी व्यवस्थाओं को ले लिया है. हालांकि शेख हसीना भारत में सुरक्षित हैं और भारत सरकार सुरक्षा देने के साथ उनकी हर संभव मदद कर रही है. लेकिन ये सवाल उठ रहा है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को ब्रिटेन की ओर से असाइलम सीकर और रिफ्यूजी में से क्या दर्जा दिया जाएगा. 

असाइलम सीकर और रिफ्यूजी 

बता दें कि असाइलम सीकर और रिफ्यूजी दोनों ही ऐसे लोग होते हैं, जो अपने मूल देशों में सताए जाने के कारण अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की मांग करते हैं. लेकिन दोनों की स्थिति के बीच कुछ अंतर होता है. जैसे रिफ्यूजी (शरणार्थी) वो व्यक्ति होता है, जो अपने मूल देश से भाग हुआ होता है. वहीं वो व्यक्ति अपनी जाति, धर्म, राष्ट्रीयता, किसी विशेष सामाजिक समूह की सदस्यता या राजनीतिक राय के कारण सताए जाने के डर के कारण वापस लौटने में असमर्थ या अनिच्छुक होता है. हालांकि संयुक्त राष्ट्र 1951 कन्वेंशन और 1967 प्रोटोकॉल के मुताबिक शरणार्थी के डर को साबित करने के लिए ठोस वजह होनी चाहिए.

असालइम क्या होता? 

जानकारी के मुताबिक असाइलम (शरण) उस विदेशी मूल के व्यक्ति को दिया जाता है, जो रिफ्यूजी यानी शरणार्थी की अंतरराष्ट्रीय कानून की परिभाषा को पूरा करता है. आसान भाषा में कहा जाए तो असाइलम सीकर का स्टेटस शरण पाने की पहली स्टेज पर दिया जाता है. जब देश सुनिश्चित हो जाता है कि विदेशी मूल का व्यक्ति असल में ‘रिफ्यूजी’ है, तो उसे असाइलम दिया जाना चाहिए.

अब सवाल ये है कि ब्रिटेन में असाइलम कैसे और किन्हें मिलता है? बता दें कि किसी भी देश में असाइलम पाने के लिए कुछ मापदंड़ों को पूरा करना होता है. यूनाइटेड किंगडम में शरण लेने के लिए यूके गृह कार्यालय को आवेदन करना होता है. यह विभाग ही शरण देने या खारिज करने का अंतिम फैसला करता है.

ब्रिटेन के नियमों के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति यूके में असाइलम पाने में सफल होता है, तो उसे आधिकारिक शरणार्थी का दर्जा दिया जाता है. वहीं शरणार्थी स्थिति में उस व्यक्ति को यूके में कम से कम 5 सालों तक रहने की अनुमति होती है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत उन्हें सुरक्षा दी जाती है.

ये भी पढ़ें: Genocide of Hindus: नाराजगी शेख हसीना से, फिर बांग्लादेश में निशाने पर क्यों हिंदू? जानें वजह

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