हाल ही में जापान में आए भूकंप ने सभी को हिला कर रख दिया है. वैसे तो जापान भूकंप का केंद्र माना जाता है. हाल ही में वहां 7.4 की तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया है, लेकिन अब भी सबसे तेज तीव्रता का भूकंप चिली के वाल्दीविया में आए भूकंप को ही माना जाता है.


दरअसल 1960 में वाल्दीविया में आया भूकंप लगभग 10 मिनट तक महसूस किया गया था. ये इतना भयंकर था कि इसके बाद वहां सुनामी की बहुत ऊंची लहरें उठीं, जिससे दूर-दूर तक समुद्री इलाके प्रभावित हुए थे. इतिहास में अबतक ये पहला भूकंप था जो 9.5 की तीव्रता का था.


10 मिनट तक हिलता रहा पूरा शहर
चिली का समुद्री तटीय इलाका वाल्दीविया 1960 में आए भूकंप को याद कर अब भी दहल उठता है. दरअसल 22 मई 1960 को वाल्दीविया में 9.5 की तीव्रता का भूकंप आया था. अमूमन कुछ सेकंड के भूकंप ही तबाही मचा देते हैं लेकिन ये भूकंप 10 मिनट तक इस शहर में उथल पुथल मचाता रहा था. जिसके बाद एक बहुत ही ताकतवर सुनामी आई थी. जो कई देशों में फैल गई.


बड़े पैमाने पर हुआ नुकसान
इस भूकंप से पूरा शहर तहस-नहस हो गया था. वहीं क्योंकि इस शहर की आबादी ज्यादा नहीं थी लिहाजा इस भूकंप से मरने वालों की संख्या लगभग 6 बताई गई. किसी को इस तीव्रता का भूकंप कभी आने का अनुमान नहीं था. यही वजह है कि ये अबतक का सबसे ज्यादा तीव्रता का भूकंप माना जाता है.


क्यों आता है भूकंप?
धरती के अंदर कुल सात प्लेट्स हैं. जिनका कार्य हमेशा चलता रहता है. वहीं जहां ये प्लेट्स टकराती हैं उन्हें फाल्ट जोन कहा जाता है. जब ये प्लेट्स टकराती हैं तो ऊर्जा बाहर निकलने की कोशिश करती है. इससे जो हलचल पैदा होती है वही भूकंप बन जाती है. भूकंप का केंद्र सतह से जितना नजदीक होता है, तबाही उतनी ही बड़ी होती है.