एंटी ड्रोन सिस्टम का किस ऑपरेशन में होता है इस्तेमाल, जानिए इसकी खासियत
सुरक्षा एजेंसी सीमाओं की सुरक्षा और दुश्मनों को जवाब देने के लिए कई तकनीकों का इस्तेमाल कर रही है. जिसमें एंटी ड्रोन सिस्टम भी शामिल है.क्या आप जानते हैं कि एंटी ड्रोन सिस्टम किस तरीके से काम करता है.
देश के सुरक्षा की जिम्मेदारी भारतीय सेना की है. भारतीय सेना अपने सुरक्षा और ऑपरेशन के दौरान कई तरह की तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं. इसमें से एक एंटी ड्रोन सिस्टम भी है. भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर सीमा सुरक्षा बल के जवान भी इस ड्रोन का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एंटी ड्रोन सिस्टम क्या होता है और इसका इस्तेमाल किन ऑपरेशन में किया जाता है. आज हम आपको एंटी ड्रोन सिस्टम के बारे में बताएंगे.
ये भी पढ़ें:वाइन का रंग क्यों होता है गहरा लाल, पीते हुए कभी दिमाग में आया है ये खयाल
एंटी ड्रोन सिस्टम
सबसे पहले ये जानते हैं कि एंटी ड्रोन सिस्टम का इस्तेमाल कब और किन ऑपरेशनों के दौरान किया जाता है. बता दें कि एंटी ड्रोन सिस्टम एक टेक्नोलॉजी है, जिसका इस्तेमाल मानवरहित हवाई उपकरणों को जैम करने के लिए किया जाता है. बता दें कि सभी ड्रोन्स की अलग-अलग रेंज होती है, जिस पर वे काम करते हैं. लेकिन यह टेक्नोलॉजी रेडियो प्रीक्वेंसी के जरिए दुश्मन ड्रोन की पहचान करती है. एंटी ड्रोन सिस्टम को जैसे ही हवा में कोई संदिग्ध चीज दिखती है, तो ड्रोन के जरिए इसकी जानकारी सेना को मिल जाती है.
ये भी पढ़ें: इस चीज से बनता है दुनिया का सबसे महंगा परफ्यूम, जान लेंगे तो आ जाएगी घिन
भारत के पास एंटी ड्रोन सिस्टम?
भारत के पास ड्रोन डिटेक्ट, डिटर एंड डिस्ट्रोय सिस्टम यानी D4 ड्रोन है. यह पहला स्वदेशी एंटी ड्रोन सिस्टम है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने तीन सालों में विकसित किया. डीआरडीओ के मुताबिक D4 ड्रोन हवा में 3 किमी की रेडियस में दुश्मन का पता लगाकर 360 डिग्री की कवरेज देता है. इतना ही नहीं दुश्मन का पता लगाने के बाद यह दो तरह से काम करता है, हार्ड किल और सॉफ्ट किल है. अगर इसको हार्ड किल कमांड दी जाती है, तो यह अपने लेजर बीम के जरिए दुश्मन ड्रोन को नष्ट कर देता है. वहीं सॉफ्ट किल के तहत D4 ड्रोन दुश्मन ड्रोन को नीचे ला सकता है या फिर लेजर बीम के जरिए उसके जीपीएस और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को खराब कर देता है, जिससे ऑपरेटर से दुश्मन ड्रोन का संपर्क टूट जाता है.
ये भी पढ़ें: आंसुओं को बुलेट में बदल देती है यह गन, होश उड़ा देगी यह तकनीक
भारत में कहां पर हो रहा इसका इस्तेमाल
बता दें कि एंट्री ड्रोन सिस्टम का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर किया जा रहा है. लेकिन अभी हाल में इसका इस्तेमाल मणिपुर में भी सीआरपीएफ के जवान कर रहे हैं. गौरतलब है कि बीते साल मई से जारी मणिपुर हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. अब हिंसा में उग्रवादियों द्वारा आधुनिक हथियारों का भी इस्तेमाल होने लगा है. हाल के हमलों में उग्रवादियों ने ड्रोनों का इस्तेमाल किया है. जिसके बाद सीआरपीएफ और मणिपुर पुलिस ने उनके इन हमलों से निपटने के लिए एंटी ड्रोन का इस्तेमाल शुरू किया है.
ये भी पढ़ें: एवरेस्ट पर तो हजारों लोग कर चुके चढ़ाई, कितने लोगों ने नापी है समंदर की गहराई?