भारत 15 अगस्त 2024 को अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा. पूरे देश में इसके लिए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. खासतौर से देश की राजधानी में मौजूद लाल किले को पूरी तरह से सजा दिया गया है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस के दिन इसी की प्राचीर से देश को संबोधित करते हैं. चलिए आज इसी कड़ी में आपको बताते हैं कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने जब 15 अगस्त की रात अपना आजादी का पहला भाषण दिया तो उन्होंने पहला शब्द क्या बोला था.


आजादी के बाद पहले पीएम का पहला भाषण


रात के 11 बज रहे थे. संसद का सेंट्रल हॉल देश के दिग्गज लोगों से भरा था. ठीक 11:55 पर नेहरू उठे माइक के पास पहुंच. उनके मुंह से पहला शब्द निकला, 'Long years ago we made a tryst with destiny'. हिंदी में-  'बहुत सालों पहले हमने नियति से एक वादा किया था.' इसके बाद उन्होंने कहा, 'अब वो समय आ पहुंचा है कि हम उस वादे को निभाएं...शायद पूरी तरह तो नहीं लेकिन बहुत हद तक ज़रूर. आधी रात के समय जब पूरी दुनिया सो रही है, भारत आज़ादी की सांस ले रहा है.' पंडित नेहरू का भाषण लगभग 4 मिनट 41 सेकेंड था. इसके बाद जैसे ही घड़ी की सुइयां 12 पर पहुंचीं पूरा सेंट्रल हॉल माहत्मा गांधी की जय के नारों से गूंज उठा.


गाए गए ये गीत


12 बजते ही सेंट्रल हॉल नारों के साथ शंख की ध्वनि से भी गूंज उठा. वहां बैठे लोगों के आंखों में आंसू थे. इसके बाद सुचेता कृपलानी जो 60 के दशक में उत्तर प्रदेश की पहिला मुख्यमंत्री बनीं थीं, वो उठीं और उन्होंने अल्लामा इकबाल का गीत 'सारे जहां से अच्छा' और बंकिम चंद्र चैटर्जी का 'वंदे मातरम' गाया. बाद में वंदे मातरम ही भारत का राष्ट्रगीत बन गया.


आजादी के अगले दिन क्या हुआ था


बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, आजादी के अगले दिन दिल्ली की सड़कों पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था. हर तरफ सिर्फ लोगों के सिर दिखाई दे रहे थे. माउंटबेटन को शाम के करीब पांच बजे इंडिया गेट के पास प्रिंसेज़ पार्क में तिरंगा झंडा फहराना था. माउंटबेटन के सलाहकारों का मानना था कि इस दौरान वहां लगभग 30 हजार लोग मौजूद रहेंगे. लेकिन जब माउंटबेटन वहां पहुंचे तो वहां करीब 5 लाख लोग मौजूद थे. कहा जाता है कि भारत के इतिहास में कुंभ मेले को छोड़कर इतनी बड़ी भीड़ इससे पहले कहीं भी एक साथ इकट्ठी नहीं हुई थी.


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