Independence Day 2024: 15 अगस्त नहीं इस तारीख को तय हुआ था कि अब भारत को आज़ाद किया जाएगा
डॉमिनिक लापियरे और लैरी कॉलिंस अपनी किताब 'फ्रीडम एट मिडनाइट' में लिखते हैं कि 2 जून 1947 को भारत के वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन के कमरे में समझौते के कागज़ों को पढ़ने-सुनने के लिए 7 भारतीय नेता आए.
भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. सबको मालूम है कि देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था. लेकिन क्या किसी को ये मालूम है कि किस तारीख को ये तय हुआ था कि देश की आजादी की तारीख क्या होगी. चलिए आपको आज इस आर्टिकल में इसी से जुड़ी जानकारी विस्तार से देते हैं.
तारीख तय होने से पहले क्या हुआ था
डॉमिनिक लापियरे और लैरी कॉलिंस अपनी किताब 'फ्रीडम एट मिडनाइट' में लिखते हैं कि 2 जून 1947 को भारत के वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन के कमरे में समझौते के कागज़ों को पढ़ने-सुनने के लिए 7 भारतीय नेता आए. इन नेताओं में कांग्रेस से जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल और आचार्य कृपलानी थे, जबकि, मुस्लिम लीग से मोहम्मद अली जिन्ना, लियाकत अली ख़ान और अब्दुर्रब निश्तर थे. वहीं सिखों के प्रतिनिधि के तौर पर इस कमरे में बलदेव सिंह पहुंचे थे.
तय हुई आजादी की तारीख
इस मीटिंग से बाद आती है वो तारीख जिस दिन तय हुआ कि भारत किस तारीख को आजाद होगा. इस मीटिंग के अगले दिन यानी 3 जून 1947 को भारत के वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने औपचारिक तौर पर भारत की आजादी की तारीख और विभाजन दोनों के बारे में घोषणा की. इसे आम भाषा में लोग '3 जून की योजना' या 'माउंटबेटन योजना' के नाम से जानते हैं. इस योजना के अंतर्गत माउंटबेटन ने कई बिंदुओं को हाइलाइट किया था.
माउंटबेटन ने कैसे तय की थी तारीख
लापियरे और लैरी कॉलिंस अपनी किताब 'फ्रीडम एट मिडनाइट' में लिखते हैं कि माउंटबेटन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपनी उस योजना के बारे में बताया जिसमें भारत के बंटवारे का जिक्र था. इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में माउंटबेटन से एक सवाल किया गया कि भारत की आजादी की तारीख क्या होगी? लापियरे और कॉलिंस अपनी किताब में लिखते हैं कि माउंटबेटन ने अब तक कोई तारीख तय नहीं की थी, लेकिन उनके दिमाग में था कि आज कोई तारीख तय करनी ही होगी. कई तारीखों पर सोचने के बाद उन्होंने 15 अगस्त की तारीख को चुना, क्योंकि इसी तारीख को उन्होंने जापान की सेना के खिलाफ गौरवशाली जीत दर्ज की थी.
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