(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पीएम मोदी ने किया सेक्युलर और सांप्रदायिक जैसे शब्दों का जिक्र, जानें क्या होता है इनका मतलब
PM Modi Speech: पीएम मोदी ने लाल किले से कहा कि देश में एक सेक्यूलर सिविल कोड होना चाहिए, ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर सेक्युलर और साम्प्रदायिक का मतलब क्या होता है.
Independence Day 2024: आज पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस सेलिब्रेट किया जा रहा है. इस खास दिन देश के प्रधानमंत्री हर साल लाल किले से देश को संबोधित करते हैं. इस साल भी पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कुछ खास शब्दों का जिक्र किया. जिसमें सेक्युलर और साम्प्रदायिक जैसे शब्द शामिल थे. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर इन शब्दों का मतलब क्या होता है.
सेक्युलर का मतलब क्या होात है?
सेकुलर शब्द काफी पुराना है. ये लेटिन भाषा के saeculum से बना है, जिसका अर्थ है- किसी भी धर्म के प्रति तटस्थ रहने वाला. यानी जो सही मायने में सेकुलर होते हैं कि वे किसी भी धर्म विशेष के लिए झुकाव या रंजिश नहीं रखते. हालांकि लेटिन में इसका मूल अर्थ अनंत और सार्थक जीवन से है. क्रिश्चियन धर्म में इसे ईश्वर से जोड़ा जाता है जो समय के बाद भी रहते हैं.
सांप्रदायिक का मतलब क्या होता है?
सांप्रदायिक का मतलब होता है किसी कम्यून या समुदाय से संबंधित. वहीं सांप्रदायिकता एक सामाजिक-राजनीतिक विचारधारा या किए जाने वाले कामों को परिभाषित करती है जो किसी धार्मिक या जातीय समूह की पहचान पर जोर देती है, जो अक्सर समाज के भीतर अन्य समूहों के प्रति बहिष्कार या शत्रुता की ओर ले जाती है.
पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा, "हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने कई बार यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा की है. कोर्ट की तरफ से कई बार आदेश दिए गए हैं. देश का एक बड़ा वर्ग मानता है कि सिविल कोड सांप्रदायिक है. इस बात में सच्चाई भी है कि जिस सिविल कोड को लेकर हम जी रहे हैं, वो एक प्रकार का कम्युनल सिविल कोड है. ये भेदभाव करने वाला सिविल कोड है. आज हम संविधान के 75 वर्ष जब मनाने जा रहे हैं तो इसकी भावना और देश की सुप्रीम कोर्ट भी हमें यही कहती है."
उन्होंने आगे कहा, "संविधान निर्माताओं का जो सपना था, उसे पूरा करना हमारा दायित्व है. मैं मानता हूं कि इस गंभीर विषय पर चर्चा हो. हर कोई अपने विचारों को लेकर आए. धर्म के आधार पर बांटने वाले कानूनों का समाज में कोई स्थान नहीं हो सकता है. अब समय की मांग है कि देश में एक सेक्युलर सिविल कोड हो. हमने कम्युनल सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं, अब हमें सेक्युलर सिविल कोड की ओर जाना होगा. तब जाकर हमें धर्म के आधार पर होने वाले भेदभाव से मुक्ति मिलेगी."
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