15 अगस्त 1947 की आधी रात को जब देश के ज्यादातर लोग सो रहे थे, भारत अपनी आजादी की कहानी लिख रहा था. हजारों लाखों लोगों के योगदान की वजह से भारत 200 साल की गुलामी से इस दिन आजाद हुआ. 15 अगस्त 2024 को देश 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा.
ऐसे में लोगों का ये जानना जरूरी है कि अंग्रेजी हूकुमत ने भारत को आजादी देने के लिए 15 अगस्त की ही तारीख क्यों चुनी. इसके अलावा ये भी जानना जरूरी है कि देश की आजादी की घोषणा आधी रात को क्यों हुई. चलिए आज इस आर्टिकल में आपको विस्तार से बताते हैं.
15 अगस्त था बेहद खास
दरअसल, जब भारत अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ तो उस वक्त लार्ड माउंटबेटन वायसराय और गवर्नर-जनरल थे. माउंटबेटन लक में विश्वास रखते थे. उनका मानना था कि 15 अगस्त की तारीख उनके लिए लकी है.
ऐसा इसलिए क्योंकि इसी तारीख को यानी 15 अगस्त 1945 को जापानी सेना ने आत्मसमर्पण किया था. माउंटबेटन उस वक्त अलाइड फ़ोर्सेज़ के कमांडर थे. उन्हें इस जीत के हीरोज़ में गिना जाता है. यही वजह है कि जब भारत को आजादी देने की बात की गई तो माउंटबैटन ने 15 अगस्त की तारीख चुनी.
आधी रात को क्यों मिली आजादी
आधी रात को आजादी देने के पीछे कई कारण थे. इसमें से एक कारण था पाकिस्तान और भारत का बंटवारा. दरअसल, उस दौर के बड़े नेताओं और अंग्रेजी हूकुमत को डर था कि अगर दिन में आजादी दी गई और भारत पाकिस्तान का बंटवारा किया गया तो इससे दंगे भड़क सकते हैं और कानून व्यवस्था को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाएगा. इसी वजह से आजादी के लिए आधी रात का समय चुना गया.
वहीं दूसरा तर्क ये दिया जाता है कि पाकिस्तान को भारत से एक दिन पहले यानी 14 अगस्त को आजादी मिली. वाइसराय लॉर्ड माउंटबेटन को 14 अगस्त को ही पाकिस्तान में स्थानांतरण के लिए कराची जाना था और देर रात भारत वापिस लौटना था. यही वजह है कि फैसला किया गया कि भारत को आजादी आधी रात को ही दे दी जाएगी.
लेकिन तथ्य बताते हैं कि ब्रिटिश सरकार ने एलान किया था कि पाकिस्तान और भारत दोनों एक ही समय यानी 15 अगस्त 1947 को ज़ीरो आवर पर स्वतंत्र होंगे. यही वजह है कि आधी रात को नई दिल्ली में भारत की स्वतंत्रता का एलान हुआ.
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